Ovule Culture
UPDATED ON:- 01-07-2023
बीजाण्ड संवर्धन (Ovule Culture):-
इसमें निर्जमित परिस्थितियों में अंडाशय से बीजाण्डों को पृथक किया जाता है और रासायनिक रूप से परिभाषित पोषक माध्यम पर नियंत्रित परिस्थितियों में निर्जमित रूप से संवर्धित किया जाता है।
(Ovules are isolated from the ovary under sterilized conditions and cultured under controlled conditions on a chemically defined nutrient medium.)
1. सिद्धान्त (Principle):-
· बीजाण्ड एक गुरूबीजाणुधानी होती है जो अध्यावरण से ढकी रहती है। प्रत्येक बीजाण्ड फ्यूनिकल की सहायता से अंडाशय के अंदर प्लासेंटा से जुड़ा रहता है। प्रत्येक बीजाण्ड के अंदर एक गुरुबीजाणु या एक अण्ड कोशिका उपस्थित होती है। निषेचन के पश्चात एककोशिकीय जाइगोट बनता है जो आगे चलकर परिपक्व भ्रूण में विकसित हो जाता है जिस पर प्ररोह व मूल प्रारम्भक उपस्थित होते हैं।
(An ovule is a megasporangium that is covered with integument. Inside the ovary each ovule is attached to the placenta with the help of a funicle. A megaspore or an egg cell is present inside each ovule. After fertilization, unicellular zygote is formed, which later develop into mature embryo, on which shoot and root primordia are present.)
· बीजाण्डों को पृथक करके पोषक माध्यम पर संवर्धित किया जा सकता है। कृत्रिम बीजाण्ड संवर्धन से हमे उन कारकों के बारे में समझने में सहायता मिलती है जो व्यवस्थित अवस्थाओं के माध्यम से जाइगोट से परिपक्व भ्रूण के विकास का नियमन करते हैं। एकांतरित रूप से बीजाण्ड संवर्धन माध्यम में परागकणों को अंकुरित कराना संभव हो सकता है तथा कृत्रिम निषेचन को प्रेरित किया जा सकता है और आगे भ्रूण निर्माण को भी प्रेरित किया जा सकता है।
(Ovules can be isolated and cultured on a nutrient medium. Artificial ovule culture helps us to understand the factors that regulate the development of mature embryos from the zygote through organized stages. It may be possible to alternatively germinate pollens in a ovule culture medium and induce artificial fertilization and further embryo development.)
2. इतिहास (History):-
· White (1932):- बीजाण्डों को पृथक करके निर्जमित परिस्थितियों में संवर्धित करने का सबसे पहला प्रयास White ने 1932 में Antirrhinum majus में किया था। परन्तु सही तरीके से संवर्धन P. Maheshwari ने 1958 में किया था।
(The first attempt to isolate ovules in sterilized conditions was made by White in 1932 in Antirrhinum majus. But the successful ovule culture was done by P. Maheshwari in 1958.)
· Maheshwari (1958) and Lal (1961):- इन्होने Papaver somniferum में बीजाण्ड संवर्धन किया था। इन्होने परागण के 6 दिन पश्चात बीजाण्डों को पृथक किया जब इनके अन्दर जाइगोट या 2 – कोशिकीय प्राकभ्रूण व कुछ भ्रूणपोष केन्द्रक उपस्थित थे। इन बीजाण्डों का संवर्धन करके इन्होने जीवनक्षम बीज तैयार किए।
(He did ovule culture in Papaver somniferum. They separated the ovules 6 days after pollination when they had a zygote or 2-celled pro-embryo and some endosperm nuclei present in it. By culturing these ovules, they developed viable seeds.)
· Paddubnaya (1959) and Arnoldi (1960):-
इन्होने अनेक और्किड पौधों के परागित अंडाशयों से बीजाण्डों को पृथक करके 10% सुक्रोज विलयन पर संवर्धित किया।
(They isolated ovules from the pollinated ovaries of many orchid plants and cultured in 10% sucrose solution.)
· Nakajima (1969):- इन्होने कुकुमबर व तरबूज के जूस युक्त पोषक माध्यम पर जाइगोट या 2 – कोशिकीय प्राकभ्रूण युक्त बीजाण्डों का संवर्धन किया।
(They cultured ovules, containing zygote or 2-cell pro-embryo, on a nutrient medium containing juices of cucumber and watermelon.)
3. विधि (Procedure):-
· अनिषेचित बीजाण्डों युक्त खुले पुष्पों को एकत्रित करते हैं। यदि निषेचित बीजाण्ड वांछित हों तो ऐसे खुले पुष्पों को एकत्रित करते हैं जिनमे परागकोषों का स्फुटन हो गया हो और परागण हो चुका हो। निषेचन को सुनिश्चित करने के लिए पुष्पों को परागकोष संवर्धन के 48 घण्टे पश्चात एकत्रित करते हैं।
(Collect open flowers having unfertilized ovules. If fertilized ovules are desired, such open flowers are collected in which the anthers have dehisced and pollinated. Collect flowers 48 hours after anther dehiscence to ensure fertilization.)
· पुष्पों के बाह्यदलों, दलों, पुंकेसरों आदि को निकाल देते हैं। इस प्रकार केवल अंडाशय बच जाते हैं जिनमें निषेचित या अनिषेचित बीजाण्ड उपस्थित होते हैं।
(Remove sepals, petals, stamens etc. Now only the ovaries are left which have fertilized or unfertilized ovules.)
· अब इन अंडाशयों को 6% सोडियम हाइपोक्लोराइट विलयन में भिगोते हैं।
(Now soak these ovaries in 6% sodium hypochlorite solution.)
· अब इन अंडाशयों को 3 – 4 बार निर्जमित आसुत जल से धोते हैं ताकि सतह पर उपस्थित अतिरिक्त रसायन उतर जाये।
(Now wash these ovaries 3-4 times with sterilized distilled water to remove excess chemical present on the surface.)
· अब निर्जमित सुई व चिमटी की सहायता से प्रत्येक अंडाशय को खोलते हैं और चमचनुमा स्पैचूला के उपयोग से फ्यूनिकल्स को प्लासेंटा के आधार से काटकर बीजाण्डों को बाहर निकाल लेते हैं।
(Now open each ovary with the help of sterilized needle and forceps and cut the funicle from the base of the placenta and take out the ovule by using a spoon like spatula.)
· अब संवर्धन ट्यूब को 45° के कोण पर झुकाकर बीजाण्ड लगे स्पैचूला को इसके अन्दर निर्जमित ठोस या द्रव माध्यम से स्पर्श कराते हैं जिससे बीजाण्ड माध्यम में स्थापित हो जाता है। क्षतिग्रस्त या बहुत छोटे बीजाण्डों को स्थानांतरण के दौरान त्याग दिया जाता है।
(Now hold the culture tube at an angle of 45 ° and touch the spatula the solid or liquid medium inside the culture tube, which establish the ovule in the medium. Damaged or very small ovules are discarded during transfer.)
· अब बीजाण्ड संवर्धन का अंधेरे या प्रकाश में 25°C ताप पर ऊष्मायन किया जाता है। प्रकाश प्रतिदिन 16 घण्टे दिया जाता है जिसकी तीव्रता 3000 लक्स रखी जाती है।
(Ovule culture is now incubated at 25 ° C in darkness or light. Light is given 16 hours per day with an intensity of 3000 lux.)
4. महत्व व अनुप्रयोग (Importance and Applications):-
a. टेस्ट ट्यूब परागण व निषेचन (Test Tube Pollination and Fertilization):-
बीजाण्ड संवर्धन माध्यम में परागकणों को अंकुरित कराना संभव है तथा कृत्रिम निषेचन को प्रेरित किया जा सकता है और आगे भ्रूण निर्माण को भी प्रेरित किया जा सकता है। इस प्रकार जीवनक्षम बीजों का निर्माण किया जा सकता है। नीचे दिये गए कुछ पौधों में सफलतापूर्वक इस प्रयोग से जीवनक्षम बीज प्राप्त किए गए हैं –
(It is possible to germinate pollens in an ovule culture medium and induce artificial fertilization and further embryo formation. In this way viable seeds can be produced. Some of the plants below have successfully obtained viable seeds from this experiment -)
i. Argemone maxicana (सत्यनाशी)
ii. Eschscholtzia califormca
iii. Papaver somniferum (अफीम, Popy)
iv. Nicotiana tabacum
v. Nicotiana rustica
b. दूरस्थ संकरण (Wide Hybridization):- अनेक अंतराजातीय व अंतरावंशीय संकरणों में F1 संकर भ्रूण का विकास बीज के अन्दर रुक जाता है। बीजाण्ड संवर्धन के द्वारा सफलतापूर्वक संकर पौधे प्राप्त किए जा सकते हैं।
(In many inter-specific and inter-generic hybrids, the development of F1 hybrid embryos stops inside the seed. Hybrid plants can be successfully obtained by culturing ovules.)
c. अगुणित कैलस का उत्पादन (Production of haploid callus):- Uchimiya ने 1971 में बैंगन के अनिषेचित बीजाण्डों का संवर्धन करके IAA व Kinetin युक्त माध्यम पर काफी बड़े अगुणित कैलस विकसित किए। इस प्रकार अगुणित पौधों का निर्माण बीजाण्ड संवर्धन से भी किया जा सकता है।
(Uchimiya developed quite large haploid calluses in 1971 by culturing unfertilized ovules of brinjal in a medium containing IAA and kinetin. In this way haploid plants can also be produced by ovule culture.)
d. ओर्किड पौधे (Orchid plants):-
प्रकृति में ओर्किड के बीज केवल सही कवक के संयोजन से ही अंकुरित हो सकते हैं। फलस्वरूप अनेक बीज सही कवक उपलब्ध न होने के कारण अंकुरित ही नहीं हो पाते हैं। इसके अतिरिक्त अनेक ओर्किड्स का बीज कैप्सूल परिपक्व होने में बहुत अधिक समय लेता है। इस समस्याओं के निवारण के लिए ओर्किड्स के निषेचित बीजाण्डों का पोषक माध्यम पर संवर्धन किया जाता है।
(In nature, orchid seeds can germinate only by combining the right fungus. As a result, many seeds do not germinate due to lack of proper fungi. Additionally, many orchids' seed capsules take too long to mature. To overcome this problem, fertilised ovules of orchids are cultured on the nutrient medium.)
e. बहुभ्रूणता का उत्प्रेरण (Induction of Poly-embryony):-
बागवानी में कृत्रिम रूप से बहुभ्रूणता को उत्प्रेरित करना बहुत अधिक लाभकारी है। यह देखा गया है कि नींबू के एकल भ्रूण बीजाण्ड के बीजाण्डकाय को संवर्धन में अपस्थानिक भ्रूणो के निर्माण के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
(Artificially inducing polyembryony in horticulture is very beneficial. It has been observed that the Nucellus of the single embryo ovules of citrus can be induced to form adventitious embryos in culture.)
f. वायरस उन्मूलन (Virus Iradication):- नींबू की ऐसी किस्में जिनमें और किसी विधि द्वारा वायरस से मुक्त नहीं किया जा सकता, उनमें बीजाण्ड संवर्धन द्वारा वायरस मुक्त पौधे प्राप्त किए जाते हैं।
(In those varieties of citrus, which cannot be released from the virus by any method, virus-free plants can be obtained by ovule culture.)