Advances in Hybrid Seed Production in Rice Crop
UPDATED ON:- 01-01-2024
धान फसल में संकर बीज उत्पादन (Hybrid Seed Production in Rice Crop):-
· Prof. Yuan Long Ping:- इन्हें चीन में संकर धान का जनक कहा जाता है।
(They are called as the father of hybrid rice in China.)
· भारत में धान की प्रथम संकर किस्म ANGRAU (Acharya NG Ranga Agriculture University, Hyderabad) के द्वारा विकसित की गई है।
[The first hybrid variety of rice in India has been developed by ANGRAU (Acharya NG Ranga Agriculture University, Hyderabad).]
· वर्तमान में भारत में धान की 10 से भी अधिक संकर किस्में विकसित कर ली गई हैं।
(Currently more than 10 hybrid varieties of rice have been developed in India.)
· प्राकृतिक रूप से धान एक स्वपरागित फसल है।
(Naturally, rice is a self-pollinated crop.)
· संकर धान बीज उत्पादन की विधियाँ:-
(Methods of hybrid rice seed production: -)
a. तीन वंशक्रम तंत्र (Three line system)
b. दो वंशक्रम तंत्र (Two line system)
c. रासायनिक विपुंसीकारक तंत्र (Chemical emasculant system)
a. तीन वंशक्रम तंत्र (Three line system):-
इस विधि में CGMS के उपयोग से संकर बीज का उत्पादन किया जाता है। नर बंध्य कोशिकाद्रव्य के स्त्रोत के रूप में “wild abortive” का उपयोग किया जाता है।
(In this method hybrid seeds are produced using CGMS. "Wild abortive" is used as the source of male sterile cytoplasm.)
इस विधि में 3 प्रकार के वंशक्रम उपयोग किए जाते हैं –
(There are 3 types of lines used in this method -)
i. A – line (नर बंध्य वंशक्रम)
[Male Sterile Line]
ii. B – line (अनुरक्षक वंशक्रम)
[Maintainer Line]
iii. R – line (पुन: स्थापक वंशक्रम)
[Restorer Line]
b. दो वंशक्रम तंत्र (Two line system):-
इस विधि में TGMS या PGMS के उपयोग से संकर बीज का उत्पादन किया जाता है। पुन: स्थापक वंशक्रम के रूप में किसी भी सामान्य वंशक्रम का उपयोग किया जा सकता है।
(In this method hybrid seeds are produced using TGMS or PGMS. Any normal line can be used as a restorer line.)
c. रासायनिक विपुंसीकारक तंत्र (Chemical emasculant system):-
ऐसे रसायन जो मादा युग्मक की सामान्य क्रियाशीलता को प्रभावित किए बिना नर युग्मक को नष्ट या निष्क्रिय कर देते हैं, रासायनिक विपुंसीकारक कहलाते हैं। इन्हें युग्मकनाशी भी कहा जाता है। उदाहरण – Etheral, Maleic Hydrazide आदि।
(Chemicals that destroy or inactivate the male gametes without affecting the normal functioning of the female gametes are called chemical emasculants. They are also called gametocides. Examples - Etheral, Maleic Hydrazide etc.)
इन रसायनों का उपयोग संकर बीज उत्पादन में मादा जनक वंशक्रम को विपुंसित करने के लिए किया जा सकता है। चीन में रासायनिक विपुंसिकारकों का उपयोग सामान्य रूप से संकर बीज उत्पादन में किया जाता है। भारत में इस विधि का उपयोग वाणिज्यिक संकर बीज उत्पादन के लिए नहीं किया जाता है।
(These chemicals can be used to emasculate the female parent line in hybrid seed production. In china chemical emasculants are commonly used in hybrid seed production. In India, this method is not used for commercial hybrid seed production.)
संकर बीज उत्पादन (Hybrid Seed Production):-
तीन वंशक्रम विधि द्वारा धान में संकर बीज उत्पादन के लिए CGMS का उपयोग किया जाता है। नर बंध्य कोशिकाद्रव्य के स्त्रोत के रूप में wild abortive का उपयोग किया जाता है। wild abortive कोशिकाद्रव्य की एक कमी यह है कि ध्वजपर्ण से पैनिकल अपूर्ण निकलती है।
संकर बीज उत्पादन के 2 मुख्य चरण हैं –
(CGMS is used for hybrid seed production in rice by three line method. 'Wild abortive' is used as a source of male sterile cytoplasm. One drawback of wild abortive cytoplasm is that the panicle is incompletely emerged from the flag leaf.
There are 2 main steps of hybrid seed production -)
1. जनक वंशक्रमों का अनुरक्षण (Maintenance of Parent Lines)
2. वाणिज्यिक संकर बीज उत्पादन (Commercial Hybrid Seed Production)
1. जनक वंशक्रमों का अनुरक्षण (Maintenance of Parent Lines):-
इसमें जनक वंशक्रमों का आधार बीज उत्पादन किया जाता है।
(In this, foundation seed production of parental lines is done.)
a. A – line का अनुरक्षण (Maintenance of A - line):-
Ø इसके लिए A – line का क्रॉस B – line से कराया जाता है।
(For this, the cross of A-line is done with B-line.)
Ø पृथक्करण दूरी 200 मीटर रखी जाती है।
(The isolation distance is kept 200 m.)
Ø नर व मादा जनक पंक्तियों का अनुपात 2 : 4 रखा जाता है।
(The ratio of male and female parent rows is kept 2: 4.)
Ø प्रति हिल 3 नर जनक पौधे और 2 मादा जनक पौधे उगाये जाते हैं।
(3 male parent plants and 2 female parent plants are grown per hill.)
Ø दोनों A व B – lines समजीनी होती हैं जिससे दोनों में एक ही समय पर पुष्पन होती है। अर्थात यहाँ पुष्पन तुल्यकालिक होता है।
(Both A and B - lines are isogenic, so that both show flowering at the same time. That is, flowering is synchronous here.)
Ø परिपक्वता के पश्चात बीज केवल A – line पंक्तियों के पौधों से ही एकत्रित किए जाते हैं जो A – line वंशक्रम को दर्शाते हैं।
(After maturity, the seeds are collected only from the A-line plants which represent the A-line.)
b. B – line का अनुरक्षण (Maintenance of B - line):-
इसका अनुरक्षण सामान्य किस्म के समान पृथककृत खेत में उगाकर किया जाता है। पृथक्करण दूरी 200 मीटर रखी जाती है। परिपक्वता के पश्चात बीजों को एकत्रित कर लिया जाता है।
(It is maintained by growing in an isolated field like a normal variety. The isolation distance is kept 200 m. The seeds are collected after maturity.)
c. R – line का अनुरक्षण (Maintenance of B - line):-
सामान्य किस्म के समान पृथककृत खेत में उगाकर किया जाता है। पृथक्करण दूरी 200 मीटर रखी जाती है। परिपक्वता के पश्चात बीजों को एकत्रित कर लिया जाता है।
(It is maintained by growing in an isolated field like a normal variety. The isolation distance is kept 200 m. The seeds are collected after maturity.)
2. वाणिज्यिक संकर बीज उत्पादन (Commercial Hybrid Seed Production):-
इसमें संकर प्रमाणीकृत बीज का उत्पादन किया जाता है।
(Hybrid certified seeds are produced in this step.)
Ø इसके लिए A – line का क्रॉस R – line से कराया जाता है।
(For this, the cross of A-line is done with R-line.)
Ø पृथक्करण (Isolation):-
i. स्थान पृथक्करण (Space Isolation):- पृथक्करण दूरी 100 मीटर रखी जाती है।
(The isolation distance is kept 100 meters.)
ii. समय पृथक्करण (Time Isolation):-
यदि स्थान पृथक्करण में कोई समस्या आती है तो समय पृथक्करण का उपयोग किया जाता है। इसमें संकर बीज प्लॉट व संदूषक प्लॉट के पुष्पन के मध्य 4 सप्ताहों का अंतराल रखा जाता है।
(If there is a problem with space isolation then time isolation is used. There is an interval of 4 weeks is kept between flowering of hybrid seed plot and contaminant plot.)
iii. बाधा पृथक्करण (Barrier Isolation):-
यदि स्थान पृथक्करण व समय पृथक्करण दोनों में समस्या आती है तो बाधा पृथक्करण का उपयोग किया जाता है। इसमें संकर बीज प्लॉट के चारों ओर 10 मीटर चौड़ाई तक 6 से 8 फीट ऊंची एक बाधक फसल उगाई जाती है। सामान्य रूप से उगाई जाने वाली बाधक फसलें हैं – ढेंचा, गन्ना, ज्वार आदि।
(If there is a problem with both space isolation and time isolation then barrier isolation is used. In this, a barrier crop of 6 to 8 feet high is grown up to 10 meters width around the hybrid seed plot. The commonly grown barrier crops are dhencha, sugarcane, sorghum etc.)
Ø रोपण अनुपात (Planting Ratio):-
नर व मादा जनक पंक्तियों का अनुपात एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में परिवर्तित होता रहता है जो जलवायु परिस्थितियों व जनकों की क्षमता पर निर्भर करता है। सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले रोपण अनुपात 2 : 8, 2 : 6 व 3 : 8 हैं। कई कारक रोपण अनुपात को प्रभावित करते हैं।
(The ratio of male and female parent rows varies from region to region depending on climatic conditions and potential of parents. Commonly used planting ratios are 2: 8, 2: 6 and 3: 8. Several factors affect the planting ratio.)
नर जनक पौधों (R) की 2 पंक्तियों के सापेक्ष मादा जनक पौधों (A) की 8 से अधिक पंक्तियाँ हो सकती हैं यदि –
(There can be more than 8 rows of female parent plants (A) relative to 2 rows of male parent plants (R) if -)
i. R – line के पौधे A – line के पौधों से अधिक लम्बे हों।
(R-line plants are taller than A-line plants.)
ii. पौधे अच्छी वृद्धि वाले व ओजपूर्ण हों।
(Plants are good growing and vigorous.)
iii. पौधों की पैनिकल बड़े आकार की हो।
(Panicles of plants are of large size.)
iv. R – line के पौधे बड़ी मात्रा में परागकण फैलाते हों।
(R-line plants spread large amounts of pollens.)
Ø A – line पौधों के गुण (Properties of A - line plants):- इनमें निम्न गुण होने चाहिए-
(They should have the following characters-)
i. R – line के पौधों से कम ऊंचाई
(Lower height than R-line plants)
ii. पुष्प लम्बे समय तक खुले रहने चाहिए व वर्तिकाग्र ग्राहिता लम्बे समय तक बनी रहनी चाहिए।
(The flowers should be open for a long time and the stigma should remain receptive for a long time.)
iii. पुष्प खुलने का कोण अधिक होना चाहिए।
(The angle of flower opening should be greater.)
iv. वर्तिकाग्र निकलने का अधिक प्रतिशत होना चाहिए।
(There should be a higher percentage of stigma emergence.)
Ø रोपाई (Transplantation):- जब अंकुर 25 – 28 दिन के हो जाते हैं तब इनकी रोपाई की जाती है। प्रति हिल 3 नर जनक पौधे (R) और 2 मादा जनक पौधे (A) उगाये जाते हैं। A – line के पौधों में 15 X 15 cm दूरी राखी जाती है जबकि R – line के पौधों में 20 X 15 cm की दूरी रखी जाती है।
(When seedlings become 25 - 28 days old, they are planted. 3 male parent plants (R) and 2 female parent plants (A) are grown per hill. In A-line plants, a distance of 15 X 15 cm is kept while in R-line plants a distance of 20 X 15 cm is kept.)
Ø पुष्पन तुल्यकालन (Synchronization of Flowering):- यहाँ A – line पौधों व R – line पौधों में पुष्पन तुल्यकालिक नहीं होता है। अर्थात नर व मादा जनक पौधों में पुष्पन अलग – अलग समय पर होता है। A – line के पौधों की बुवाई एक बार की जाती है। पुष्पन के तुल्यकालन के लिए R – line के पौधों की बुवाई 5 दिन के अन्तराल पर 3 बार की जाती है।
(Flowering is not synchronous here in A-line plants and R-line plants. That is, flowering occurs at different times in male and female parent plants. A-line plants are sown once. R-line plants are sown 3 times at a 5-days interval to synchronize flowering.)
Ø संकर बीज एकत्रण (Hybrid Seed Collection):-
· संकर बीज क्षेत्र (Hybrid Seed Field):- परिपक्वता के पश्चात केवल A - line पौधों से बीज एकत्रित किए जाते हैं जो संकर बीज होते हैं।
(Hybrid Seed Field: - After maturity, seeds are collected only from A-line plants which are hybrid seeds.)
Advances:- बाजार में उपलब्ध संकर बीज बहुत अधिक महंगा होता है क्योंकि इसका उत्पादन खर्च बहुत अधिक होता है। संकर बीज के मूल्य को कम करने के लिए संकर बीज उत्पादन में जिन उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाता है, Advances कहलाती हैं। इन तकनीकों के उपयोग से 2 प्रकार से संकर बीज का मूल्य कम कर सकते हैं -
(Hybrid seed available in the market is very expensive because its production cost is high. Improved techniques, which are used in hybrid seed production to reduce the price of hybrid seeds are called Advances. By using these techniques we can reduce the price of hybrid seeds in 2 ways -)
i. उपज को बढ़ाकर (By increasing yield)
ii. उत्पादन खर्च को घटाकर (By reducing production cost)
1. Avoiding flag leaf clipping
2. ULV – sprayer
3. Synchronization of flowering
4. Supplementary pollination
5. Widening the row ratio
1. Avoiding flag leaf clipping:- धान में पैनिकल का 25 – 30% भाग ध्वज पर्ण आच्छद के अन्दर छुपा रहता है। इसका परागण नहीं हो पाता है जिससे संकर बीज उपज में कमी आ जाती है।
(In rice, 25 - 30% part of the panicle is remain hidden inside the flag leaf sheath. Its pollination is not possible, which leads to decrease in hybrid seed yield.)
Ø Flag leaf clipping:- ध्वज पर्ण के 1/2 या 2/3 भाग को काटकर अलग कर देना क्लिपिंग कहलाता है। इससे नर जनक पौधे से परागकणों का दूर तक फैलाव होता है व मादा जनका पौधे में अधिक परागण होता है। इससे संकर बीज उपज बढ़ जाती है। परन्तु इसके लिए अधिक समय, धनराशि व लेबर की आवश्यकता पड़ती है। इससे उत्पादन खर्च बढ़ जाता है।
(Cutting and removing the 1/2 or 2/3 part of the flag leaf is called clipping. This causes far spread of pollens from male parent plant and more pollination in female parent plant. This increases hybrid seed yield. But it requires more time, money and labor. This increases production cost.)
Ø Avoiding:- क्लिपिंग को avoid करने के लिए GA3 का स्प्रे किया जाता है। यह पैनिकल्स की वृद्धि को बढ़ाकर इन्हें ध्वज पर्ण आच्छद से बाहर निकाल देता है। इसके लिए 45gm/ha GA3 का नैपसैक स्प्रेयर से स्प्रे करना पड़ता है। इससे उत्पादन खर्च कम हो जाता है।
(GA3 is sprayed to avoid clipping. This increases the growth of the panicles and emerge out them from the flag leaf sheath. This requires spray of 45gm/ ha GA3 with a knapsack sprayer. This reduces production cost.)
2. ULV – sprayer:- GA3 काफी महंगा होता है। इसलिए इसकी कम से कम मात्रा का उपयोग होना चाहिए। नैपसैक स्प्रेयर की बजाय यदि हम Ultra Low Volume Sprayer का उपयोग करते हैं तो 15gm/ha GA3 ही काफी होता है। इससे उत्पादन खर्च और कम हो जाता है।
(GA3 is quite expensive. Therefore, its least amount should be used. If we use an Ultra Low Volume Sprayer instead of a knapsack sprayer, only 15gm/ha GA3 is enough. This reduces production cost further.)
3. Synchronization of flowering:- अधिक से अधिक परागण कराने के लिए यह आवश्यक है कि नर व मादा जनक पौधे दोनों में पुष्पन एक ही समय पर हो। इसके लिए दो प्रयास किए जाते हैं –
(In order to have maximum pollination, it is necessary that both male and female parent plants have flowering at the same time. For this, two attempts are made -)
a. Staggered sowing of male parent plants:- नर जनक पौधों की 2 – 3 बार बुवाई 4 – 5 दिन के अंतराल पर की जाती है ताकि परागकण सप्लाई समय को बढ़ाया जा सके।
(Sowing of male parent plants is done 2-3 times at an interval of 4-5 days to increase the pollen supply time.)
b. Adjustment of flowering date:-
Ø जिस जनक में पुष्पन जल्दी हो रहा हो उस पर 2% यूरिया विलयन का स्प्रे करते हैं। जिससे पुष्पन 2 – 3 दिन देरी से होता है।
(Spray 2% urea solution on the early flowering parent plants. Due to which the flowering is delayed by 2 - 3 days.)
Ø जिस जनक में पुष्पन देरी से हो रहा हो उस पर 2% DAP विलयन का स्प्रे करते हैं। जिससे पुष्पन 2 – 3 दिन जल्दी होता है।
(Spray 2% DAP solution on the late flowering parent plants. Due to which flowering occurs 2 - 3 days early.)
Ø इस प्रकार 4 – 5 दिन का अंतर समायोजित हो जाता है।
(Thus the difference of 4 - 5 days is adjusted.)
4. Supplementary pollination:- प्राकृतिक परागण हवा की दिशा व इसके वेग पर निर्भर करता है। इससे परागण का प्रतिशत कम रहता है।
(Natural pollination depends on the direction of the wind and its velocity. This results in lower pollination percentage.)
Ø परागण के प्रतिशत को बढ़ाने के लिए पुष्पन के समय रस्सी खींचकर नर जनक पौधों की पैनिकल्स को हिलाया जाता है जिससे उनके परागकोषों का स्फुटन हो जाता है तथा परागकणों का दूर - दूर तक फैलाव हो जाता है जिससे परागण का प्रतिशत बढ़ जाता है।
(In order to increase the percentage of pollination, the panicles of male parent plants are shaken by pulling the rope at the time of flowering, which causes their anthers to dehisce and spread the pollens far and wide, thus increasing the percentage of pollination.)
Ø यह शेकिंग 30 मिनट के अंतराल पर प्रतिदिन 5 बार की जाती है। सुबह 10 से 12 बजे के मध्य व शाम को 2 से 4 बजे के मध्य शेकिंग की जाती है।
(This shaking is done 5 times daily at an interval of 30 minutes. Shaking is done between 10 to 12 o'clock in the morning and between 2 to 4 o'clock in the evening.)
5. Widening the row ratio:-
Ø नर व मादा जनक पौधों की पंक्तियों कि रोपण अनुपात को बढ़ाकर क्रमश: 2 : 8 कर दिया जाता है। इससे संकर बीज की उपज बढ़ जाती है।
(The planting ratio of rows of male and female parent plants is increased to 2: 8 respectively. This increases the yield of hybrid seeds.)
Ø पंक्ति से पंक्ति व पौधे से पौधे के मध्य की दूरी निश्चित रखी जाती है।
(The distance between row to row and plant to plant is kept fixed.)
Ø सभी पंक्तियाँ हवा प्रवाह की दिशा कि लम्बवत होनी चाहिए ताकि अधिकतम परागण हो सके।
(All rows must be perpendicular to the direction of air flow so that maximum pollination can occur.)