2013 - 14 Solved Old Paper (PBG - 4321)
1. Carry - over seed:- Seed suppliers are not always able to market all the seed they produce during the following planting season. Hence they kept the seed safe for the next season. Problems arise in connection with carryover storage of seed because some kinds, varieties, and lots of seed do not carryover very well.
कैरी - ओवर बीज:- बीज आपूर्तिकर्ता हमेशा अगले रोपण सीजन के दौरान उत्पादित सभी बीजों का विपणन करने में सक्षम नहीं होते हैं। इसलिए वे अगले सीजन के लिए बीज को सुरक्षित रख लेते हैं। बीज के कैरी-ओवर भंडारण के संबंध में समस्याएँ उत्पन्न होती हैं क्योंकि कुछ प्रकार, किस्में और बहुत सारे बीज बहुत अच्छी तरह से कैरी-ओवर नहीं होते हैं।
2. Seed sampling:- This is a small amount of seeds taken from seed lot for testing the quality. It represents the quality of whole seed lot. This small amount of seed is known as seed sample and the process is called as seed sampling. Seed sample must contain all the components similar the seed lot.
बीज नमूनाकरण:- बीज ढेर से बीज की छोटी मात्र को लेकर उसकी गुणवत्ता की जांच की जाती है जो पूरे ढेर की गुणवत्ता को दर्शाता है। इस छोटी मात्र को ही सीड संपले कहा जाता है। इस प्रक्रिया को seed sampling कहते हैं। seed sample में उपस्थित सभी घटक उसी अनुपात में उपस्थित होने चाहिए, जैसे की वे पूरे ढेर में हैं।
3. Minimum Seed standards:- The minimum percentage of pure seeds and maximum permissible limits for inert matter, other crop seeds have been prescribed. The maximum permissible limits for objectionable weeds, seeds infected by seed borne diseases have been prescribed to ensure goods seed health.
न्यूनतम बीज मानक:- शुद्ध बीजों का न्यूनतम प्रतिशत तथा अक्रिय पदार्थ व अन्य फसल बीजों के लिए अधिकतम अनुमेय सीमा निर्धारित की गई है। अच्छा बीज स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए आपत्तिजनक खरपतवार व बीज जनित रोगों से संक्रमित बीजों की अधिकतम अनुमेय सीमा निर्धारित की गई है।
4. G.M.O. crops (Genetically Modified Crops):- Crops in which the genome is transformed by incorporating a new gene are called GMO-crops. The expression of this new gene creates a new protein that gives a new characteristic to the GMO-crop.
Examples:-
i. Bt - cotton
ii. Golden rice
iii. Roundup ready soybean
G.M.O. फसलें:- ऐसी फसलें जिनमें एक नए जीन को समावेशित करके इनके जीनोम को रूपांतरित कर दिया जाता है, GM – फसलें कहलाती हैं। इस नए जीन की अभिव्यक्ति से नई प्रोटीन बनती है जो GM – फसल को नया लक्षण देती है।
उदाहरण:-
i. Bt – कपास (Bt - cotton)
ii. सुनहरा धान (Golden rice)
iii. Roundup ready soybean
5. Seed control order:- The Central Government, use the power conferred by Section 3 of Essential Commodities Act, 1955 and issued a seed control order in 1983.
- By this order, the seeds used for sowing or planting were included in the essential commodities.
i. Seeds of edible crops and fruit vegetables
ii. Seeds of fodder crops
iii. Jute seeds
बीज नियंत्रण आदेश, 1983:- केंद्र सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा – 3 के द्वारा प्रदत शक्ति का प्रयोग करते हुए 1983 में बीज नियंत्रण आदेश जारी किया।
- इस आदेश के द्वारा बुवाई अथवा रोपण हेतु प्रयुक्त बीजों को आवश्यक वस्तुओं में सम्मिलित कर लिया गया।
i. खाध्य फसलों व फल सब्जियों के बीज
ii. चारा फसलों के बीज
iii. जुट के बीज
6. Epigeal germination:- In this type of germination, cotyledons emerge out of the soil. The cotyledons turn green and act as first leaves of the plant. There is greater elongation of the hypocotyls. Energy for growth primarily derived form cotyledon. Eg. Castor, Groundnut, All pulses
ऊपरीभूमिक अंकुरण:- बीजपत्र मृदा से बाहर निकल आते हैं। बीजपत्र हरे होकर प्रथम पत्ती का कार्य करते हैं। हाइपोकोटाइल का अधिक लम्बवन होता हैं। वृद्धि के लिए ऊर्जा बीजपत्र से आती है। उदाहरण:- अरंडी, मूंगफली, सभी दालें
7. Physical purity of seed:- It is the freedom of crop seeds from other crop seeds, weed seeds and inert matter. Physical purity percentage can be calculated using the following formula:-
भौतिक शुद्धता:- यह फसल बीज की अन्य फसल बीजों, खरपतवार बीजों व अक्रिय पदार्थों से मुक्तता है। निम्न सूत्र के उपयोग से भौतिक शुद्धता प्रतिशत निकाल सकते हैं:-
8. R - line:- It is the male fertile line which is used as the male parent. It is the restorer line that works to restore the male fertility. Crossing of A-line with R-line is done for hybrid seed production. The ratio of A – line and R – line is kept 4 : 2 respectively.
R – line:- यह नर उर्वर वंशक्रम है जिसे नर जनक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह पुन:स्थापक line है जो नर उर्वरता को पुन: स्थापित करने का कार्य करती है। संकर बीज उत्पादन के लिए A – line का क्रॉस R – line के साथ कराया जाता है। A व R – line पंक्तियों का अनुपात क्रमश: 4 : 2 रखी जाती है।
9. Seed drying:- The process of evaporation of moisture from the seed surface is called seed drying. The moisture present in the seed gradually comes to the surface of the seed. Seed drying is essential for maintaining the viability and vigor of the seed.
बीज सुखाई:- बीज सतह से नमी के वाष्पीकरण की प्रक्रिया को बीज सुखाई कहते हैं। बीज के अन्दर उपस्थित नमी धीरे – धीरे बीज की सतह पर आ जाती है। बीज शुष्कन बीज की जीवनक्षमता व ओज को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
10. DUS testing:- It is a way of determining whether a newly bred variety differs from existing varieties within the same species (the Distinctness part), whether the characteristics used to establish Distinctness are expressed uniformly (the Uniformity part) and that these characteristics do not change over subsequent generations (the Stability part). A DUS test is usually conducted in the field or glasshouse over two successive growing seasons.
DUS परीक्षण:- DUS परीक्षण यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि क्या एक नई विकसित किस्म एक ही जाति की अन्य किस्मों से भिन्न होती है (विभिन्नता), क्या नई विकसित किस्म के सभी लक्षण समान रूप से अभिव्यक्त हो रहे हैं (एकरूपता) और ये लक्षण बाद की पीढ़ियों में नहीं बदल रहे हैं (स्थिरता)। एक DUS परीक्षण आमतौर पर दो लगातार वृद्धि कालों में खेत या कांच घर में आयोजित किया जाता है।
11. Seed standards:- The minimum percentage of pure seeds and maximum permissible limits for inert matter, other crop seeds have been prescribed. The maximum permissible limits for objectionable weeds, seeds infected by seed borne diseases have been prescribed to ensure goods seed health.
बीज मानक:- शुद्ध बीजों का न्यूनतम प्रतिशत तथा अक्रिय पदार्थ व अन्य फसल बीजों के लिए अधिकतम अनुमेय सीमा निर्धारित की गई है। अच्छा बीज स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए आपत्तिजनक खरपतवार व बीज जनित रोगों से संक्रमित बीजों की अधिकतम अनुमेय सीमा निर्धारित की गई है।
12. Quarantine:- The process of ensuring that seeds, propagules and plant products imported from outside are free from diseases, pests and weeds, is called plant quarantine. The DIP (Destructive Insects & Pests) Act was passed in 1914. There are 4 plant quarantine centres in India -
i. NBPGR, New Delhi:- For plant species related to Agriculture and Horticulture.
ii. FRI (Forest Research Institute), Dehradun:- For forest trees.
iii. IBS (Indian Botanical Survey), Kolkatta:- For other plants.
iv. DPPQS (Directorate of Plant Protection, Quarantine and Storage), Faridabad, Haryana:- For food materials.
संगरोध:- बाहर से आयात हुए बीजों, प्रवर्धों व पादप उत्पादों का रोग, कीट व खरपतवारों से मुक्त होना सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को पादप संगरोध कहते हैं। इससे संबन्धित DIP (Destructive Insects & Pests) अधिनियम 1914 में पारित हुआ। भारत में 4 पादप संगरोध केन्द्र हैं -
i. NBPGR, New Delhi:- Agriculture व Horticulture सम्बन्धी पादप जातियों के लिए।
ii. FRI (Forest Research Institute), Dehradun:- वन वृक्षों के लिए।
iii. IBS (Indian Botanical Survey), Kolkatta:- अन्य पौधों के लिए।
iv. DPPQS (Directorate of Plant Protection, Quarantine and Storage), Faridabad, Haryana:- खाध्य सामग्री के लिए।
13. Real value of seed:- The percentage of seeds that produce plants during seed certification is called RV.
- It is also called Utility percentage of Seed.
- The value of RV for cotton is 65% which is minimum in the field crops.
- The value of RV for maize is 90%, which is maximum in the field crops.
- Critical RV:- 70% value of RV is considered critical.
i. Seeds or seed lot for which the RV value is less than 70% is failed for seed certification.
ii. Seeds or seed lot for which the RV value is more than 70% is passed for seed certification.
बीज का वास्तविक मान:- बीज प्रमाणीकरण के दौरान किसी किस्म के जितने प्रतिशत बीज पौधे उत्पन्न करते हैं, RV कहलाता है।
- इसे Utility percentage of Seed भी कहते हैं।
- कपास के लिए RV का मान 65% होता है जो Field crops में न्यूनतम है।
- मक्का के लिए RV का मान 90% होता है जो Field crops में अधिकतम है।
- Critical RV:- RV के 70% मान को नाजुक माना जाता है।
i. ऐसे बीज या बीज ढेर जिनके लिए RV का मान 70% से कम होता है उन्हें बीज प्रमाणीकरण के लिए फेल किया जाता है।
ii. ऐसे बीज या बीज ढेर जिनके लिए RV का मान 70% से अधिक होता है उन्हें बीज प्रमाणीकरण के लिए पास किया जाता है।