2015 - 16 Solved Old Paper (PBG - 4321)
1. Seed:-
Agronomical Definition:- The living organ of the crop in a reduced or undeveloped form which is used for propagation, it means to grow a new crop, is called seed.
Botanical Definition:- The fertilized ovule which contains intact embryo, stored food and seed coat, is called seed. The seed is viable, means a new plant develops from its germination.
बीज:-
सस्यवैज्ञानिक परिभाषा:- ह्रासित या अविकसित रूप में फसल का जीवित अंग जिसे प्रवर्धन के लिए अर्थात नई फसल उगाने के लिए उपयोग किया जाता है, बीज कहलाता है।
वानस्पतिक परिभाषा:- निषेचित बीजाण्ड जिसमें साबुत भ्रूण, संग्रहित भोजन व बीज चोल पाये जाते हैं, बीज कहलाता है। बीज जीवनक्षम होता है अर्थात इसके अंकुरण से नया पौधा विकसित होता है।
2. Variety:- It is a group of plants with clear distinguished characters. These plants retain these characters upon asexual or sexual reproduction.
किस्म:- यह पौधों का एक समूह है जिसमें स्पष्ट विभेदित लक्षण पाये जाते हैं। जब ये पौधे अलैंगिक या लैंगिक जनन करते हैं तो इन लक्षणों को बनाए रखते हैं।
3. Isolation distance:- It is the minimum separation required between two or more varieties of the same species for the purpose of keeping seed purity.
- Isolation distance is used to prevent contamination by the following three factors:-
i. Contamination by undesired pollination
ii. Mixing with other seeds at the time of harvesting and threshing
iii. Spread of diseases
- The isolation distance is determined by the type of pollination. Isolation distance varies in foundation seed production and certified seed production for each seed crop.
पृथक्करण दूरी:- यह बीज की शुद्धता बनाए रखने के उद्देश्य से एक ही जाति की दो या दो से अधिक किस्मों के बीच आवश्यक न्यूनतम पृथक्करण है।
- निम्न तीन कारकों द्वारा संदूषण को रोकने के लिए पृथक्करण दूरी का उपयोग किया जाता है:-
i. अवांछित परपरागण द्वारा संदूषण
ii. कटाई व गहाई के समय अन्य बीजों से मिश्रण
iii. रोगों का फैलाव
- पृथककरण दूरी परागण के प्रकार द्वारा निर्धारित होती है। प्रत्येक बीज फसल के लिए आधार बीज उत्पादन व प्रमाणीकृत बीज उत्पादन में पृथक्करण दूरी अलग – अलग होती है।
4. Rouging:- The process of removing off-type plants from the seed field is called Rouging. This is a positive selection. Off-type plants should be removed before flowering so that they do not pollinate. For this, regular supervision of trained person is necessary.
रोगिंग:- ऑफ प्रकार पौधों को बीज खेत से हटाने की प्रक्रिया को रोगिंग कहते हैं। यह धनात्मक वरण होता है। ऑफ प्रकार पौधों को पुष्पन से पहले ही रोगिंग के द्वारा हटा देना चाहिए ताकि वे परागण न कर सकें। इसके लिए प्रशिक्षित व्यक्ति का नियमित पर्यवेक्षण आवश्यक है।
5. Dockage:- The percent amount of impurities present in a seed sample is called Dockage.
डोकेज:- किसी बीज नमूने में उपस्थित अशुद्धियों की प्रतिशत मात्रा को Dockage कहते हैं।
6. Patent:- It is a government grant to an inventor of the right to exclude others from making, using, or selling an invention, usually for a limited period.
एकस्व:- यह एक आविष्कारक को एक सरकारी अनुदान है जो आम तौर पर सीमित अवधि के लिए आविष्कार करने, उपयोग करने या बेचने से दूसरों को रोकता है।
7. Grading:- Separattion unwanted small seeds on the basis of thier size is called as grading. It requires different types of separators to removes weed and broken and undesirable seeds.
श्रेणीकरण:- अवांछित छोटे बीजों को उनके आकार के आधार पर अलग करना श्रेणीकरण कहलाता है। खरपतवार और टूटे और अवांछित बीजों को हटाने के लिए इसे विभिन्न प्रकार के विभाजकों की आवश्यकता होती है।
8. Genetic purity:- It refers to trueness to type. It is the percentage of characters of a variety which are described by the plant breeder.
आनुवंशिक शुद्धता:- यह आदर्श पादप के लिए सत्यता को संदर्भित करता है। यह एक किस्म के लक्षणों का प्रतिशत है जिसका वर्णन पादप प्रजनक द्वारा किया जाता है।
9. Selection:- It is the process of selectively propagating plants with desirable characteristics and eliminating or "culling" those with less desirable characteristics.
वरण:- यह वांछनीय लक्षणों वाले पौधों चयन करके प्रवर्धित करने और कम वांछनीय लक्षणों वाले पौधों को नष्ट करने या "छोड़ने" की प्रक्रिया है।
10. Biodiversity:- It is the variability among species of plants, animals and microorganisms.
The Convention on Biological Diversity (CBD) was negotiated and signed by nations at the Earth Summit at Rio de Janeiro in Brazil on June 5, 1992. The convention came into force on December 29, 1993. India became a party to the convention on February 18, 1994. At the present, there are 196 Parties to this Convention.
जैवविविधता:- यह पौधों, जंतुओं और सूक्ष्मजीवों की जातियों में उपस्थित विविधता है।
5 जून 1992 को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में पृथ्वी शिखर सम्मेलन में जैव विविधता पर कन्वेंशन (CBD) पर बातचीत और हस्ताक्षर किए गए थे। यह सम्मेलन 29 दिसंबर, 1993 को लागू हुआ। भारत 18 फरवरी 1994 को सम्मेलन का एक सदस्य बन गया था। वर्तमान में, इस कन्वेंशन के 196 सदस्य देश हैं।
11. Pure line:- The offspring of a completely homozygous plant of a self-pollinated species are called pure line.
शुद्ध वंशक्रम:- किसी स्वपरागित जाति के एक पूर्णतया समयुग्मनज पौधे की सन्ततियों को शुद्ध वंशक्रम कहते हैं।
12. Seed treatment:- It refers to the application of fungicide, insecticide, or a combination of both, to seeds so as to disinfect them from seed-borne or soil-borne pathogenic organisms and storage insects.
बीज उपचार:- यह बीज के लिए कवकनाशी, कीटनाशी या दोनों के संयोजन में अनुप्रयोग को प्रदर्शित करता है ताकि बीज जनित या मृदा जनित रोगजनकों और भंडारण कीटों से उन्हें कीटाणुरहित किया जा सके।
13. Working sample:- This is a small amount of seeds taken from submitted sample and is used for quality testing inside the laboratory.
कार्यकारी नमूना:- यह submitted sample का एक छोटा भाग है जिससे गुणवत्ता परीक्षण किए जाते है। यह प्रयोगशाला में लिया जाता है। इसका सामान्य भार 25 ग्राम होता है।