2016 - 17 Solved Old Paper (PBG - 4321)


1. Genetic purity:- It refers to trueness to type. It is the percentage of characters of a variety which are described by the plant breeder.
आनुवंशिक शुद्धता:- यह आदर्श पादप के लिए सत्यता को संदर्भित करता है। यह एक किस्म के लक्षणों का प्रतिशत है जिसका वर्णन पादप प्रजनक द्वारा किया जाता है।

2. Seed marketing:- To arrange the production of seeds according to the demand and distribution of seeds on the basis of need, so that every farmer can get the required high quality seeds at reasonable prices.
बीज विपणन:- माँग के अनुसार बीज का उत्पादन तथा आवश्यकता के आधार पर बीज का वितरण करने के लिए एक ऐसी व्यवस्था करना जिससे प्रत्येक किसान को आवश्यकतानुसार उच्च गुणवत्ता सम्पन्न बीज उचित मूल्य पर सुलभता से मिल सके।

3. Seed disinfestation:- It refers to the destruction of surface-borne organisms that have contaminated the seed surface but not infected the seed surface.  Chemical dips, soaks, fungicides applied as dust, slurry or liquid have been found successful.
बीज किटाणुनाशन:- यह सतह जनित सूक्ष्मजीवों के विनाश को प्रदर्शित करता है जिन्होंने बीज की सतह को संदूषित किया है परन्तु बीज की सतह को संक्रमित नहीं किया है। रसायन में डुबोना, भिगोना, कवकनाशी का धूल, गारा या तरल के रूप में उपयोग सफल पाया गया है।

4. Plant breeder's rights:- These are rights granted to the breeder of a new variety of plant that give the breeder exclusive control over the propagating material and harvested material of a new variety for a number of years. New variety  must conforms to the criteria of novelty, distinctiveness, uniformity and stability.
पादप प्रजनक अधिकार:- ये पौधे की एक नई किस्म के प्रजनक को दिए गए अधिकार हैं जो प्रजनक को कई वर्षों तक एक नई किस्म की प्रवर्धन सामग्री और काटी गई सामग्री पर विशेष नियंत्रण देते हैं। नई किस्म नवीनता, विशिष्टता, एकरूपता और स्थिरता के मानदंडों के अनुरूप होनी चाहिए।

5. Working sample:- This is a small amount of seeds taken from submitted sample and is used for quality testing inside the laboratory.
कार्यकारी नमूना:- यह submitted sample का एक छोटा भाग है जिससे गुणवत्ता परीक्षण किए जाते है। यह प्रयोगशाला में लिया जाता है। इसका सामान्य भार 25 ग्राम होता है।

6. Give demerits of hybrid varieties:- 
Hybrid seeds also have some demerits: 
i. They are more expensive.
ii. They are less nutritious.
iii. They are less tasty than heirlooms.
iii. Saving hybrid seeds is usually not practical.
संकर किस्मों के दोष लिखिए।
संकर बीजों के कुछ दोष भी हैं: 
i. वे अधिक महंगे होते हैं। 
ii. वे कम पौष्टिक होते हैं। 
iii. वे सामान्य बीजों की तुलना में कम स्वादिष्ट होते है।
iv. संकर बीजों को संग्रहित रखना आमतौर पर व्यावहारिक नहीं होता है।

7. National seed policy:- India developed the National Seed Policy in 2002. The main objectives are the provision of an appropriate climate for the seed industry to utilize available and prospective opportunities, safe guarding of the interests of Indian farmers and the conservation of agro-biodiversity.
राष्ट्रीय बीज नीति:- भारत ने 2002 में राष्ट्रीय बीज नीति विकसित की। इसका मुख्य उद्देश्य बीज उध्योग के लिए उपलब्ध और संभावित अवसरों का उपयोग करने, भारतीय किसानों के हितों की सुरक्षा और कृषि-जैव विविधता के संरक्षण के लिए एक उपयुक्त जलवायु का प्रावधान है।

8. DUS test:- It is a way of determining whether a newly bred variety differs from existing varieties within the same species (the Distinctness part), whether the characteristics used to establish Distinctness are expressed uniformly (the Uniformity part) and that these characteristics do not change over subsequent generations (the Stability part). A DUS test is usually conducted in the field or glasshouse over two successive growing seasons.
DUS परीक्षण:- DUS परीक्षण यह निर्धारित करने के लिए करते हैं कि क्या एक नई विकसित किस्म एक ही जाति की अन्य किस्मों से भिन्न होती है (विभिन्नता), क्या नई विकसित किस्म के सभी लक्षण समान रूप से अभिव्यक्त हो रहे हैं (एकरूपता) और ये लक्षण बाद की पीढ़ियों में नहीं बदल रहे हैं (स्थिरता)। एक DUS परीक्षण आमतौर पर दो लगातार वृद्धि कालों में खेत या कांच घर में आयोजित किया जाता है।

9. Seed replacement rate:- It is the percentage of area sown out of total area of crop planted in the season by using certified / quality seeds other than the farm saved seeds. Hybrid seed are to replaced every year to retain hybrid vigour, thereby having Seed Replacement rate to 100%.
बीज प्रतिस्थापन दर:- कुल क्षेत्रफल में से कितने प्रतिशत क्षेत्रफल में खेत में बचाए गए बीजों को छोड़कर प्रमाणिकृत या गुणवत्ता बीजों का उपयोग करके फसल की बुवाई की गई है। संकर ओज को बनाए रखने के लिए प्रति वर्ष संकर बीजों को बदला जाता है, जिससे बीज प्रतिस्थापन दर 100% हो जाती है।

10. Synthetic variety:- When more than one inbreds with high GCA are hybridized in all possible combinations and their seeds are mixed in equal amounts, it is called synthetic variety. These varieties are produced in cross pollinated crops.
संश्लिष्ट किस्म:- जब एक से अधिक उच्च GCA वाले अंत: प्रजातों का आपस में सभी संभव संयोजनों में संकरण कराकर समान मात्रा में बीजों को मिश्रित कर लिया जाता है तो इसे प्रकार बनी किस्म को संश्लिष्ट किस्म कहते हैं। ये किस्में परपरागित फसलों में उत्पादित की जाती हैं।

11. Objectional weed:- These are weeds which are harmful in one or more of the following ways - 
i. The size and shape of their seeds are so similar to that of the crop seed that it is difficult to remove. 
ii. Their growth habit is detrimental to the growing crop due to competing effect.
Eg. Argemone maxicana for mustard, Convolvulus arvensis for wheat, Cuscuta for lucerne etc.
आपत्तीजनक खरपतवार:- ये वे खरपतवार हैं जो निम्नलिखित में से एक या अधिक तरीकों से हानिकारक होते हैं -
i. इनके बीजों का आकार और आकृति फसल के बीज के समान होती है जिसे निकालना मुश्किल होता है।
ii. उनका वृद्धि स्वभाव प्रतिस्पर्धात्मक प्रभाव के कारण बढ़ती फसल के लिए हानिकारक है।
उदा. सरसों के लिए Argemone maxicana, गेहूँ के लिए Convolvulus arvensis, लूसर्न के लिए Cuscuta आदि।

12. Truthful labelled seed:- Sometimes the seeds are produced by the farmers themselves, following certain criteria. But due to being without the supervision of any certification agency, this seed does not get the certificate of the certification agency. These are called TFL seeds.
सत्य चिन्हित बीज:- कभी – कभी बीज का उत्पादन स्वंय किसानों के द्वारा निश्चित मापदण्डों को अपनाते हुए किया जाता है। परन्तु किसी प्रमाणीकरण संस्था की देखरेख के बिना होने के करण इस बीज को प्रमाणीकरण संस्था का प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं हो पाता है। इन्हें TFL seeds कहते हैं।

13. Central seed committee:- The Central Government constitutes this. It serves to advise the Central Government and State Governments in matters related to administration and seeds.
Seed Related Matters:-
i. Release of new variety.
ii. Notification.
iii. Determination of seed certification standards.
केंद्रीय बीज समिति (CSC):- केन्द्र सरकार इसका गठन करती है। यह प्रशासन व बीज सम्बन्धी मामलों में केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों को सलाह देने का कार्य करती है।
बीज सम्बन्धी मामले:-
i. नई किस्म का विमोचन
ii. नोटिफिकेशन
iii. बीज प्रमाणीकरण मानकों का निर्धारण