Coriander Crop Improvement
धनिया फसल उन्नयन (Coriander Crop Improvement):-
1. परिचय (Introduction):-
· सामान्य नाम:- धनिया
(Common Name:- Coriander)
· वानस्पतिक नाम:- Coriandrum sativum
(Botanical Name:- Coriandrum sativum)
· कुल:- ऐपीएसी या अम्बेलीफेरी
(Family:- Apiaceae or Umbeliferae)
· गुणसूत्र संख्या (Chromosome Numbers):- 2n = 24
· उत्पत्ति केन्द्र (Center of Origin):- भूमध्यसागरीय क्षेत्र (Mediterranean region), दक्षिण यूरोप (South Europe), एशिया (Asia)
2. पुष्पीय बायोलॉजी (Floral Biology):-
· धनिया एक वार्षिक मसाला फसल है। इसकी पादप ऊंचाई 12 – 24 इंच होती है।
(Coriander is an annual spice crop. Its plant height is 12 - 24 inches.)
· धनिया में Compound umbel पुष्पक्रम होता है। प्रत्येक इकाई को Umbellule कहते हैं।
(Coriander has compound umbel inflorescence. Each unit is called Umbellule.)
· प्रत्येक पुष्प द्विलिंगी व वृन्तीय होता है। प्रत्येक Umbellule में केन्द्रीय पुष्प त्रिज्यातसममित व परिधीय पुष्प एकव्याससममित होते हैं।
(Each flower is bisexual and pedicellate. In each Umbellule, the central flowers are actinomorphic and the peripheral flowers are zygomorphic.)
· प्रत्येक पुष्प में 5 हरे रंग के बाह्यदल होते हैं जो एक दूसरे से स्वतंत्र रहते हैं। परिधीय पुष्पों में पश्च बाह्यदल छोटे व अग्र बाह्यदल बड़े होते हैं।
(Each flower has 5 green sepals which are free from each other. In peripheral flowers, the posterior sepals are smaller and the anterior sepals are larger.)
· प्रत्येक पुष्प में सफेद रंग के 5 स्वतंत्र दल होते हैं जो कोरस्पर्शी दलविन्यास प्रदर्शित करते हैं। प्रत्येक दल द्विपालित होता है। परिधीय पुष्पों में पश्च दल छोटे व अग्र दल बड़े होते हैं।
(Each flower consists of 5 free white petals that represent valvate aestivation. Each petal is bilobed. In the peripheral flowers, the posterior petals are smaller and the anterior petals are larger.)
· प्रत्येक पुष्प में 5 स्वतंत्र पुंकेसर होते हैं।
(Each flower has 5 free stamens.)
· प्रत्येक पुष्प में 2 संयुक्त अण्डप होते हैं जिसमें बीजाण्ड स्तंभीय बीजाण्डन्यास में पाये जाते हैं।
(Each flower has 2 fused carpels, in which the ovules are found in axile placentation.)
· Stylopodium:- अंडाश्य के शीर्ष पर एक फुली हुई लगभग द्विशाखित मकरंद डिस्क होती है जिसे Stylopodium कहते हैं।
(There is a swollen almost bifid nectar disc found at the top of the ovary which is called as Stylopodium.)
· पुष्पचित्र (Floral Diagram):-
· परागण (Pollination):- प्राकृतिक रूप से धनिया एक परपरागित फसल है। इसमें परागण कीट जातियों के द्वारा कराया जाता है।
(Naturally coriander is a cross pollinated crop. Pollination is done by insect species.)
· फल (Fruit):- क्रीमोकार्प (Cremocarp)
3. प्रजनन उद्देश्य (Breeding Objective):-
a. अधिक उपज (Higher Yield):- धनिया की सुगंधित पत्तियों को सब्जियों में तथा इसके बीजों को मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। इसलिए इसे रबी व खरीफ दोनों ऋतुओं में बोया जाता है। इसमें बीज उपज निम्न कारकों पर निर्भर करती है –
(The fragrant leaves of coriander are used in vegetables and its seeds are used as spices. Therefore, it is sown in both Rabi and Kharif seasons. In coriander, seed yield depends on the following factors -)
Ø प्रति पौधा पुष्पक्रमों की संख्या
(Number of inflorescence per plant)
Ø प्रति पुष्पक्रम umbellule इकाइयों की संख्या
(Number of umbellule units per inflorescence)
Ø प्रति umbellule पुष्पों की संख्या
(Number of flowers per umbellule unit)
b. गुणवत्ता (Quality):-
· पत्तियों की गुणवत्ता:-
Ø अधिक संख्या (High numbers)
Ø गहरा हारा रंग (Dark green colour)
Ø बड़ा आकार (Large size)
Ø सुगंधित (Fragrant)
· बीजों की गुणवत्ता:-
Ø बड़ा आकार (Large size)
Ø एक समान आकार व आकृति
(Uniform size and shape)
Ø एक साथ पकने वाले
(Synchronous maturity)
c. शीघ्र बढ्ने वाली किस्में (Fast growing varieties)
d. अधिक अनुकूलन (High adaptability):- सभी मौसमों व भूमि पर बोये जाने के लिए अनुकूलित होनी चाहिए।
(Must be adapted to be sown in all seasons and on all type lands.)
e. रोग रोधिता (Disease Resistance):-
Ø Wilt
Ø Powdery mildew
Ø Stem gall
Ø Blight disease
Ø Stem rot
f. कीट रोधिता (Insect Resistance):-
Ø White fly
Ø Indigo caterpillar
Ø Aphid
Ø Cutworm
Ø Thrips
Ø Mites
g. अजैविक प्रतिबल सहिष्णुता (Abiotic stress Tolerance):-
Ø सूखा (Drought)
Ø लवणता (Salinity)
4. प्रजनन विधियाँ (Breeding methods):-
· धनिया एक परपरागित फसल है। इसलिए परपरागित फसलों में उपयोग की जाने वाली सभी प्रजनन विधियों का उपयोग इसके सुधार के लिए किया जाता है।
(Coriander is a cross pollinated crop. Therefore all breeding methods used in cross pollinated crops can be used for its improvement.)
· किस्में (varieties):- असींचित क्षेत्रों में बड़े दाने वाली और जल्दी तैयार होने वाली किस्में उगाई जाती हैं जबकि सींचित क्षेत्रों में छोटे दाने वाली किस्में अधिक प्रचलित होती है।
(In un-irrigated areas, large grain and early maturing varieties are grown whereas in irrigated areas small grain varieties are more prevalent.)
a. IARI, New Delhi के द्वारा विकसित किस्में (Varieties developed by IARI, New Delhi):-
Ø NP – 16, 21, 92, 95, 172, 214
Ø Pusa selection – 360
Ø Delhi Local
b. UUARI, दुर्गापुर के द्वारा विकसित किस्में (Varieties developed by UUARI, Durgapur):- [Udaipur University Agriculture Research Institute]
Ø RC – 1, 3
Ø RCR – 20, 41, 435, 436
Ø UD – 20, 21
c. TAURI द्वारा विकसित किस्में (Varieties developed by TAURI):- [Tamil Nadu Agriculture University Research Institute]
Ø Coimbatore – 1, 2, 3
d. CCHAU, हिसार द्वारा विकसित किस्में (Varieties developed by CCHAU, Hisar):- [Chaudhary Charan singh Haryana Agricultural University]
Ø Hisar Anand, Hisar Sugandh, Hisar Surabhi
Ø Narnaul Selection
e. कृषि विश्वविध्यालय, ग्वालियर द्वारा विकसित किस्में (Varieties developed by Agricultural University, Gwalior):-
Ø T – 5365
f. गोविन्द वल्लभ पन्त कृषि विश्वविध्यालय, पन्तनगर (उत्तराखण्ड) द्वारा विकसित किस्म [Variety developed by Govind Vallabh Pant Agricultural University, Pantnagar (Uttarakhand)]:-
Ø Pant Haritma
5. नवीनतम किस्में (Latest varieties):-
a. देशी किस्में (Local varieties):-
Ø Gajendra
Ø Swati
Ø Sindhu
Ø Gujarat Coriander - 1, 2
Ø CS – 2, 4
Ø DH – 5
Ø UP – 41
Ø DWD – 3
Ø RCR – 435, 436, 441
Ø UD – 446, 684
Ø Azad Dhania-1
b. विदेशी किस्में (Exotic varieties):-
Ø Simpo S – 33:- इसे बुल्गारिया से भारत में पुर:स्थापित किया गया है।
(It has been introduced from Bulgaria to India.)