Sexual Determination
Updated On:- 19-08-2021
लिंग निर्धारण (Sexual Determination):- यह एक जैविक तन्त्र है जो जीवों में लैंगिक लक्षणों के विकास का निर्धारण करता है। इन्हीं लैंगिक लक्षणों के आधार पर जीवों में नर व मादा को विभेदित किया जा सकता है।
(It is a biological system that determines the development of sexual characteristics in organisms. On the basis of these sexual characteristics, males and females can be differentiated in organisms.)
1. गुणसूत्र (Chromosomes):- जीवों में 2 प्रकार के गुणसूत्र पाये जाते हैं –
(There are 2 types of chromosomes found in organisms –)
i. कायिक गुणसूत्र (Somatic chromosomes or Autosomes):- ये कायिक लक्षणों का निर्धारण करते हैं।
(These determine the somatic characteristics.)
ii. लिंग गुणसूत्र (Sexual chromosomes or Allosomes):- ये लैंगिक लक्षणों का निर्धारण करते हैं।
(These determine the sexual characteristics.)
2. वातावरणीय लिंग निर्धारण (Environmental Sexual Determination):-
Ø Crepidula एक समुन्द्री मोलस्क जीव है। अकेला होने पर यह मादा के रूप में विकसित हो जाता है। जबकि मादा के साथ होने पर यह नर के रूप में विकसित हो जाता है।
(Crepidula is a marine mollusk. When alone, it develops into a female. While with the female, it develops into a male.)
Ø Bonellia एक समुन्द्री कृमि है। अकेला होने पर यह 3cm लम्बी मादा के रूप में विकसित हो जाता है। जबकि मादा के साथ होने पर यह 0.3cm लम्बे परजीवी नर के रूप में विकसित हो जाता है। इसमें नर मादा के शरीर में प्रवेश कर जाता है और वहाँ परजीवी के रूप में रहता है।
(Bonellia is a sea worm. When alone, it develops into a female of 3 cm long. While with the female, it develops into a 0.3 cm long parasitic male. In this, the male enters the female's body and lives there as a parasite.)
Ø मगरमच्छों व कुछ छिपकलियों में तापमान के द्वारा लिंग निर्धारण किया जाता है:-
(In crocodiles and some lizards Sexual is determined by temperature:-)
i. 28°C से कम तापमान पर नर विकसित होते हैं।
(Males are developed at temperatures below 28 °C.)
ii. 28 - 33°C तापमान के मध्य नर व मादा दोनों बराबर संख्या में विकसित होते हैं।
(Between 28 - 33 °C temperature, both males and females are developed in equal numbers.)
iii. 33°C से अधिक तापमान पर मादा विकसित होते हैं।
(Females are developed at temperatures above 33°C.)
3. गुणसूत्रीय लिंग निर्धारण (Chromosomal Sexual Determination):-
a. विषमयुग्मकीय नर (Heterogametic Male)
b. विषमयुग्मकीय मादा (Heterogametic Female)
a. विषमयुग्मकीय नर (Heterogametic Male):-
i. XX – XY type:- इसमें नर के द्वारा XY व मादा के द्वारा XX पैटर्न प्रदर्शित किया जाता है।
(In this, XY pattern is represented by the male and XX by the female.)
उदाहरण (Examples):- Humans, Drosophila, Melandrium , Coccinia, C. elegance
ii. XX – X0 type:- इसमें नर के द्वारा X0 व मादा के द्वारा XX पैटर्न प्रदर्शित किया जाता है।
(In this, the X0 pattern is represented by the male and the XX pattern by the female.)
उदाहरण (Examples):- Insects, Round worm, Dioscorea
b. विषमयुग्मकीय मादा (Heterogametic Female):-
i. ZW – ZZ type:- इसमें नर के द्वारा ZZ व मादा के द्वारा ZW पैटर्न प्रदर्शित किया जाता है।
(In this, the ZZ pattern is represented by the male and ZW by the female.)
उदाहरण (Example):- पक्षी (Birds)
ii. Z0 – ZZ type:- इसमें नर के द्वारा ZZ व मादा के द्वारा Z0 पैटर्न प्रदर्शित किया जाता है।
(In this, the ZZ pattern is represented by the male and Z0 by the female.)
उदाहरण (Example):- मछलियाँ (Fishes)
नोट (Note):- Y – गुणसूत्र आकार में X – गुणसूत्र से छोटा होता है। इस पर TDF (Testis Determining Factor) पाया जाता है। TDF सबसे छोटा जीन है जिसमें केवल 14 क्षार युग्म होते हैं।
(The Y-chromosome is smaller in size than the X-chromosome. TDF (Testis Determining Factor) is found on Y - chromosome. TDF is the smallest gene containing only 14 base pairs.)
4. लिंग सूचकांक (Sexual Index):- X – गुणसूत्रों की संख्या व कायिक गुणसूत्रों के समुचयों के अनुपात को लिंग सूचकांक कहते हैं। इसका मान नर या मादा के विकास को निर्धारित करता है। इसका 0.5 मान नर के विकास को निर्धारित करता है जबकि इसका 1 मान मादा के विकास को निर्धारित करता है।
(The ratio of number of X-chromosome and sets of autosomes is called Sexual index. Its value determines the development of male or female. Its value of 0.5 determines the development of the male while its value of 1 determines the development of the female.)
5. Gynandromorphs:- ड्रोसोफिला मक्खी में कभी कभी शरीर का आधा भाग नर व आधा भाग मादा होता है। इस अवस्था को Gynandromorph कहते हैं।
(In Drosophila, sometimes half of the body is male and half is female. This state is called Gynandromorph.)
6. Fragaria व Thalictrum में लिंग निर्धारण (Sexual determination in Fragaria and Thalictrum):- इनमें नर के द्वारा XX व मादा के द्वारा XY पैटर्न प्रदर्शित किया जाता है।
(In these plants, the XX pattern is represented by the male and the XY pattern by the female.)
7. मक्का में लिंग निर्धारण (Sexual determination in Maize):- मक्का में 2 जीन युग्म मुख्यत: लिंग निर्धारण से संबन्धित होते हैं –
(In maize, 2 gene pairs are mainly related to Sexual determination –)
bsbs = barren stalk (भुट्टा नहीं बनता है जिससे पौधे नर होते हैं)
[The cob is not formed so that the plants are male]
tsts = tassed seed (भुट्टा बनता है जिससे पौधे मादा होते हैं)
[The cob is formed so that the plants are female]
8. पपीता में लिंग निर्धारण (Sexual determination in Papaya):-
Ø पपीता, पालक, अंगूर व सतावर में 1 जीन के द्वारा लिंग निर्धारण होता है।
(In papaya, spinach, grapes and satavar, Sexual is determined by 1 gene.)
Ø पपीता में एक जीन M के द्वारा लिंग निर्धारण होता है। जिसके 3 युग्मविकल्पी होते है –
(Sexual is determined by a gene M in papaya. Which has 3 alleles –)
i. M1:- प्रभावी (Dominant)
ii. M2:- प्रभावी (Dominant)
iii. m:- अप्रभावी (Recessive)
नोट (Note):- यदि दोनों स्थितियों पर प्रभावी युग्मविकल्पी उपस्थित हो तो पौधे के लिए घातक होते हैं।
(If dominant alleles are present at both the loci, they are lethal to the plant.)