Respiration: Glycolysis, TCA Cycle and ETS
• यह सभी जीवित कोशिकीय जीवों के कोशिकाद्रव्य में होता है।
(It occurs in the cytoplasm of all living cellular organisms.)
• यह स्कीम 3 वैज्ञानिकों ने दी थी:-
(This scheme was given by 3 scientists: -)
i. Gustav Embden
ii. Otto Meyerhof
iii. J. Parnas
इसलिए इसे EMP Pathway भी कहते हैं।
(Hence it is also called EMP Pathway.)
• इसमें ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोज का अपूर्ण ऑक्सीकरण होता है जिससे पाइरुविक अम्ल के दो अणु प्राप्त होते हैं।
(It results in incomplete oxidation of glucose in the absence of oxygen, yielding two molecules of pyruvic acid.)
• ग्लाइकोलाइसिस में चरण संख्या 1, 3, व 10 अनुत्क्रमणीय होते हैं। जबकि शेष चरण उत्क्रमणीय होते हैं।
(In glycolysis step numbers 1, 3, and 10 are irreversible. While the remaining steps are reversible.)
अभिकारक व उत्पाद (Reactants and Products):-
G = Glucose (ग्लूकोज)
G-6-P = Glucose-6-Phosphate (ग्लूकोज-6-फॉस्फेट)
F-6-P = Fructose-6-Phosphate (फ्रक्टोज-6-फॉस्फेट)
F-1,6-BP = Fructose-1,6-Bi Phosphate (फ्रक्टोज -1,6- बाइ फॉस्फेट)
3-PGAL = 3-Phospho Glyceraldehyde (3-फोस्फो ग्लिसरेल्डिहाइड)
DHAP = Di Hydroxy Acetone Phosphate (डाइ हाइड्रोक्सी एसीटोन फॉस्फेट)
1,3-DPGA = 1,3-Di Phospho Glyceric Acid (1,3-डाइ फोस्फो ग्लिसरिक अम्ल)
3-PGA = 3-Phospho Glyceric Acid (3-फोस्फो ग्लिसरिक अम्ल)
2-PGA = 2-Phospho Glyceric Acid (2-फोस्फो ग्लिसरिक अम्ल)
PEP = Phospho Enol Pyruvate (फोस्फो इनोल पाइरुवेट)
एंजाइम्स (Enzymes):-
HK = Hexo Kinase (हेक्सो काइनेज)
PGI = Phospho Gluco Isomerase (फोस्फो ग्लूको आइसोमरेज)
PFK = Phospho Fructo Kinase (फोस्फो फ्रक्टो काइनेज)
A = Aldolase (एल्डोलेज)
TPI = Triose Phosphate Isomerase (ट्रायोज फॉस्फेट आइसोमरेज)
GPD = Glyceraldehyde Phosphate Dehydrogenase (ग्लिसरेल्डिहाइड फॉस्फेट डिहाइड्रोजिनेज)
PGK = Phospho Glycerate Kinase (फोस्फो ग्लिसरेट काइनेज)
PGM = Phospho Glycerate Mutase (फोस्फो ग्लिसरेट म्यूटेज)
E = Enolase (इनोलेज)
PK = Pyruvate Kinase (पाइरुवेट काइनेज)
ग्लाइकोलाइसिस के उत्पाद (Products of Glycolysis):-
ग्लाइकोलाइसिस के अन्त में तीन उत्पाद प्राप्त होते हैं:-
(Three products are obtained at the end of glycolysis: -)
i. 2 ATP
ii. 2 NADH2
iii. 2 पाइरुविक अम्ल (2 Pyruvic acids)
TCA चक्र (TCA Cycle):-
• TCA चक्र = Tri Carboxylic Acid चक्र
(TCA cycle = Tri Carboxylic Acid cycle)
• इसे Hans Adolf Krebs ने 1937 में खोजा था।
(It was discovered in 1937 by Hans Adolf Krebs.)
• इसे क्रेब्स चक्र भी कहते हैं।
(It is also called the Krebs cycle.)
• इसे Citric Acid चक्र भी कहते हैं।
(It is also called the Citric Acid cycle.)
• यह केवल वायवीय श्वसन करने वाले जीवों में पाया जाता है।
(It is found only in aerobic respiratory organisms.)
• इसमें पाइरुविक अम्ल का आगे ऑक्सीकरण होता है जिससे ऊर्जा व CO2 प्राप्त होते हैं।
(There is further oxidation of pyruvic acid, which produces energy and CO2.)
• यह माइटोकोंड्रिया की मैट्रिक्स में होता है।
(It occurs in the matrix of mitochondria.)
अभिकारक व उत्पाद (Reactants and Products):-
O = OAA = Oxalo Acetic Acid (ओक्जेलो एसीटिक अम्ल)
C = Citrate (सिट्रेट)
I = Iso citrate (आइसो सिट्रेट)
∝-KG = ∝-Keto Gluterate (∝ - कीटो ग्लूटेरेट)
S-CoA = Succinyl CoA (सक्सिनायल को एंजाइम ए)
S = Succinate (सक्सिनेट)
F = Fumarate (फ्यूमेरेट)
M = Malate (मैलेट)
एंजाइम्स (Enzymes):-
PD = Pyruvate Dehydrogenase (पाइरुवेट डिहाइड्रोजिनेज)
CS = Citrate Synthase (सिट्रेट सिन्थेज)
A = Aconitase (एकोनिटेज)
C = Cis Aconitase (सिस एकोनिटेज)
ID = Isocitrate Dehydrogenase (आइसो सिट्रेट डिहाइड्रोजिनेज)
∝-KGD = ∝-Keto Gluterate Dehydrogenase (∝- कीटो ग्लूटेरेट डिहाइड्रोजिनेज)
S-CoA-S = Succinyl CoA Synthetase (सक्सिनायल को एंजाइम ए सिंथेटेज)
SD = Succinic Dehydrogenase (सक्सिनिक डिहाइड्रोजिनेज)
F = Fumarase (फ्यूमेरेज)
MD = Malate Dehydrogenase (मैलेट डिहाइड्रोजिनेज)
क्रेब्स चक्र के उत्पाद (Products of Krebs Cycle):-
• क्रेब्स चक्र के अन्त में 4 उत्पाद प्राप्त होते हैं:-
(At the end of the Krebs cycle, 4 products are obtained: -)
i. 6 CO2
ii. 8 NADH2
iii. 2 FADH2
iv. 2 GTP
Glyoxylate चक्र (Glyoxylate Cycle):-
• इसकी खोज Kornberg व Krebs ने 1957 में की थी।
(It was discovered in 1957 by Kornberg and Krebs.)
• यह निम्न जीवों में पाया जाता है:-
(It is found in the following organisms: -)
i. पौधे (Plants)
ii. जीवाणु (Bacteria)
iii. प्रोटिस्टा (Protista)
iv. कवक (Fungi)
• यह Glyoxisome व Mitochondria में होता है।
(It occurs in Glyoxisome and Mitochondria.)
• पौधों में यह वसीय बीजों के अंकुरण के दौरान होता है।
(In plants, it occurs during germination of oil seeds.)
• इस चक्र में वसा को कार्बोहाइड्रेट्स में परिवर्तित किया जाता है।
(In this cycle, fat is converted into carbohydrates.)
• इन कार्बोहाइड्रेट्स के ऑक्सीकरण से ऊर्जा प्राप्त कर बीज अंकुरण के लिए उपयोग की जाती है।
(Energy obtained from oxidation of these carbohydrates is used for seed germination.)
अभिकारक व उत्पाद (Reactants and Products):-
O = OAA = Oxalo Acetic Acid (ओक्जेलो एसीटिक अम्ल)
C = Citrate (सिट्रेट)
I = Iso citrate (आइसो सिट्रेट)
G = Glyoxylate (ग्लाइ ओक्जिलेट)
M = Malate (मैलेट)
S = Succinate (सक्सीनेट)
F = Fumarate (फ्यूमेरेट)
M = Malate (मैलेट)
O = OAA = Oxalo Acetic Acid (ओक्जेलो एसीटिक अम्ल)
PEP = Phospho Enol Pyruvate (फोस्फो इनोल पाइरुवेट)
3-PGAL = 3-Phospho Glyceraldehyde (3-फोस्फो ग्लिसरेल्डिहाइड)
DHAP = Di Hydroxy Acetone Phosphate (डाइ हाइड्रोक्सी एसीटोन फॉस्फेट)
F-6-P = Fructose-6-Phosphate (फ्रक्टोज-6-फॉस्फेट)
G-6-P = Glucose-6-Phosphate (ग्लूकोज-6-फॉस्फेट)
इलेक्ट्रॉन ट्रांसपोर्ट चेन (Electron Transport Chain):-
• यह माइटोकोंडरिया की आंतरिक झिल्ली पर होता है।
(It occurs on the inner membrane of mitochondria.)
• इसमें 5 एंजाइम जटिल होते हैं:-
(It contains 5 enzymes complex: -)
I = NADH – डिहाइड्रोजिनेज जटिल (NADH – dehydrogenase complex)
II = FADH – डिहाइड्रोजिनेज जटिल (FADH – dehydrogenase complex)
III = साइटोक्रोम bc1 जटिल (Cytochrome bc1 complex)
IV = साइटोक्रोम ऑक्सीडेज जटिल (Cytochrome oxidase complex)
V = ATP सिन्थेटेज जटिल (ATP synthetase complex)
इलेक्ट्रॉन प्रवाह (Electron Flow):- NADH2 से इलेक्ट्रोन्स को एंजाइम जटिल - I द्वारा ग्रहण किया जाता है। अब इलेक्ट्रोन्स को Ubiquinones (Q) को स्थानान्तरित कर दिया जाता है। Ubiquinone (Q) एंजाइम जटिल - II से भी इलेक्ट्रोन्स को ग्रहण करता है। अब Ubiquinone (Q) अपने इलेक्ट्रोन्स को एंजाइम जटिल - III को स्थानान्तरित कर देता है। अब एंजाइम जटिल - III अपने इलेक्ट्रोन्स को साइटोक्रोम-C को स्थानान्तरित कर देता है। साइटोक्रोम-C इलेक्ट्रोन्स को एंजाइम जटिल - IV को स्थानान्तरित कर देता है। एंजाइम जटिल - IV अपने इलेक्ट्रोन्स को ऑक्सीज़न पर स्थानान्तरित कर देता है जिससे जल बनता है।
(Electrons from NADH2 are received by the enzyme complex - I. The electrons are now transferred to Ubiquinones (Q). Ubiquinone (Q) also receive electrons from enzyme complex - II. Now Ubiquinone (Q) transfers its electrons to enzyme complex - III. Now enzyme complex-III transfers its electrons to cytochrome-C. Cytochrome-C transfers electrons to enzyme complex - IV. Enzyme complex - IV transfers its electrons to oxygen to form water.)
ऑक्सीजन के कार्य (Functions of Oxygen):- ऑक्सीज़न दो मुख्य कार्य करती है:-
(Oxygen performs two main functions: -)
i. अन्तिम इलेक्ट्रॉन ग्राही होती है।
(It is the last electron accepter.)
ii. तंत्र से H+ आयनों को हटाती है।
(It removes H + ions from the system.)
प्रोटोन प्रवणता (Proton Gradient):- इलेक्ट्रॉन प्रवाह के दौरान एंजाइम जटिल - I, III व IV के द्वारा इलेक्ट्रोन्स से ऊर्जा ले ली जाती है तथा इस ऊर्जा के उपयोग से प्रोटोन्स (H+) को माइटोकोंड्रिया की मैट्रिक्स से अंतरा झिल्लीय अवकाश में स्थानान्तरित किया जाता है। इससे मैट्रिक्स में प्रोटोन्स की कमी हो जाती है तथा अंतरा झिल्लीय अवकाश में प्रोटोन्स की अधिकता हो जाती है। इसे प्रोटोन प्रवणता कहते है। एंजाइम जटिल - II के द्वारा प्रोटोन्स का परिवहन नहीं किया जाता है। इसी कारण 1 NADH2 से 3 ATP तथा 1 FADH2 से 2 ATP प्राप्त होते हैं।
(During electron flow, energy is taken from electrons by enzyme complexes - I, III and IV and by the use of this energy, protons (H +) are transferred from the matrix of mitochondria to the inter membrane space. This leads to the deficiency of protons in the matrix and the excess of protons in the inter membrane space. This is called proton gradient. Protons are not transported by enzyme complex - II. For this reason 1 NADH2 gives 3 ATPs and 1 FADH2 only 2 ATPs.)
ATP का निर्माण (ATP Synthesis):-
(ATPs are produced using this proton gradient by enzyme complex - V (ATP Synthetase). When the protons move through the F0 part of the ATP Synthetase into the matrix, the F1 part uses the energy emitted from this transfer to form the ATP by connecting ADP and Pi.)
ATP की गणना (ATP Calculation):-
जब ग्लाइकोलाइसिस में बने 2 NADH2 को कोशिकाद्रव्य से माइटोकोंड्रिया की मैट्रिक्स में स्थानान्तरित किया जाता है तो 2 ATP खर्च हो जाते हैं। इसलिए कुल 36 ATP का ही लाभ हो पाता है।
(2 ATPs are utilised when 2 NADH2 formed in glycolysis are transferred from the cytoplasm to the matrix of mitochondria. Therefore only 36 ATPs can be benefited.)