Nature, Structure and Types of Genetic Material

UPDATED ON:- 01-01-2024

आनुवंशिक पदार्थ की प्रकृति, संरचना और प्रकार (Nature, Structure and Types of Genetic Material):-

आनुवंशिक पदार्थ की प्रकृति (Nature of Genetic Material):-

·        एक आनुवंशिक पदार्थ होना चाहिए (A genetic material must):-

-   इसकी प्रतिकृति उत्पन्न करने में सक्षम।

[Be able to generate its replica (Replication).]

-   रासायनिक और संरचनात्मक रूप से स्थायी।

(Chemically and structurally be stable.)

-   जैव विकास के लिए आवश्यक उत्परिवर्तन प्रदान करने वाला।

(Provide the mutations that are required for evolution.)

-   स्वयं को 'मेंडेलियन लक्षणों' के रूप में अभिव्यक्त करने में सक्षम।

(Be able to express itself as ‘Mendelian Characters’.)

·        DNA एक बेहतर आनुवंशिक पदार्थ है (DNA is a better genetic material):-

-   RNA की अस्थिर प्रकृति के कारण, RNA वायरस तीव्र गति से उत्परिवर्तित व विकसित होते हैं।

(Due to unstable nature of RNA, RNA viruses mutate and evolve faster.)

-   आनुवंशिक सूचना के संग्रहण के लिए इसके स्थायित्व के कारण DNA बेहतर है। परन्तु आनुवंशिक सूचना के संचरण के लिए RNA बेहतर है।

(For the storage of genetic information DNA is better due to its stability. But for the transmission of genetic information, RNA is better.)

-   RNA सीधे प्रोटीन संश्लेषण के लिए कोड कर सकता है, इसलिए आसानी से लक्षणों को अभिव्यक्त कर सकता है। DNA प्रोटीन संश्लेषण के लिए RNA पर निर्भर रहता है।

(RNA can directly code for the protein synthesis, hence can easily express the characters. DNA is dependent on RNA for protein synthesis.)

-   2 DNA श्रंखलाएं संपूरक होती हैं। गर्म करने पर ये पृथक हो जाती हैं। जब उपयुक्त परिस्थितियाँ प्रदान की जाती हैं तो ये एक साथ जुड़ जाती हैं।

(The 2 DNA strands are complementary. On heating, they separate. When appropriate conditions are provided they come together.)

·   RNA वर्ल्ड (RNA World):-

-    RNA पहला आनुवंशिक पदार्थ था।

(RNA was the first genetic material.)

-    यह आनुवंशिक पदार्थ और उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।

(It acts as genetic material and catalyst.)

-    आवश्यक जीवन प्रक्रियाएं (उपापचय, अनुवादन, सप्लाईसिंग आदि) RNA के पास विकसित हुई हैं।

[Essential life processes (metabolism, translation, splicing etc) evolved around RNA.]

-    स्थायित्व के लिए ही RNA से DNA विकसित हुआ।

(DNA evolved from RNA for stability.)

·   आण्विक जीवविज्ञान का सेंट्रल डोग्मा (Central Dogma of Molecular Biology):-

-    It is proposed by Francis Crick. 

-   It states that the genetic information flows from DNA → RNA → Protein.

आनुवंशिक पदार्थ के प्रकार (Types of Genetic Material):- प्रकार के होते हैं:-

(There are 2 types: -)

a. DNA (Deoxyribose Nucleic Acid):-

i. A – DNA

ii. B – DNA

iii. Z – DNA

b. RNA (Ribose Nucleic Acid):-

i. mRNA (mssenger RNA)

ii. tRNA (transfer RNA)

iii. rRNA (ribosomal RNA)

सभी कोशिकीय जीवों में DNA ही आनुवांशिक पदार्थ होता है। DNA वायरसों में DNA आनुवांशिक पदार्थ होता है और RNA वायरसों में RNA आनुवांशिक पदार्थ होता है। सभी पादप वायरस RNA वायरस होते हैं। जबकि जन्तु वायरस DNA या RNA वायरस होते हैं।

(DNA is the genetic material in all cellular organisms. DNA viruses have DNA as genetic material and RNA viruses have RNA as genetic material. All plant viruses are RNA viruses. Whereas animal viruses are DNA or RNA viruses.)

आनुवंशिक पदार्थ की संरचना (Structure of Genetic Material):- 

एक न्यूलीओटाइड 3 भागों से मिलकर बना होता है:-

(A nucleotide is made up of 3 parts: -)

a. नाइट्रोजनी क्षार (Nitrogenous Base)

b. पेंटोज शर्करा (Pentose Sugar)

c. फॉस्फेट समुह (Phosphate Group)

नाइट्रोजनी क्षार व पेंटोज शर्करा आपस में N - ग्लाइकोसिडिक बन्ध के द्वारा जुड़े रहते हैं। पेंटोज शर्करा व फॉस्फेट समूह आपस में एस्टर बन्ध के द्वारा जुड़े रहते है।

(Nitrogenous bases and pentose sugars are linked together by N-glycosidic bonds. Pentose sugars and phosphate groups are interconnected by ester bonds.)

a. नाइट्रोजनी क्षार (Nitrogenous Base):-   ये दो प्रकार के होते हैं:-

(These are of two types: -)

i. प्यूरिन्स (Purines) 

ii. पीरीमीडीन्स (Pyrimidines) 

i. प्यूरिन्स (Purines):- इसकी संरचना में 2 विषम चक्रीय वलय आपस में जुड़े रहते हैं। एक 6 सदस्यी  वलय  दूसरे 5 सदस्यी वलय से जुड़ा रहता है।

(Its structure consists of 2 hetero cyclic rings interconnected. One 6-membered ring is connected to another 5-membered ring.)

उदाहरण (Examples) - A (Adenine), G (Guanine)  

ii. पीरीमीडीन्स (Pyrimidines):- इसकी संरचना में केवल एक विषम चक्रीय वलय होता है।यह एक 6 सदस्यी   वलय होता है। 

(It has only one hetero cyclic ring in its structure. It is a 6-membered ring.)

उदाहरण (Examples) - C (Cytosine), U (Uracil), T (Thymine)


b. पेंटोज शर्करा (Pentose Sugar):- प्रकार की होती है:-

(There are 2 types: -)

i. राइबोज शर्करा (Ribose Sugar)

ii. डिओक्सीराइबोज शर्करा (Deoxyribose Sugar)

i. राइबोज शर्करा (Ribose Sugar):- यह 5 कार्बन युक्त शर्करा  है।  यह 5 सदस्यी विषमचक्रीय फ्यूरेनोज वलय बनाती है। 

(It is a sugar containing 5 carbons. It forms a 5-membered hetero cyclic furanose ring.)

फॉर्मूला (Formula) - C5H10O5

 ii. डिओक्सीराइबोज शर्करा (Deoxyribose Sugar):- यह भी 5 कार्बन युक्त शर्करा  है।  यह भी 5 सदस्यी विषमचक्रीय फ्यूरेनोज वलय बनाती है। अन्तर केवल इतना है कि इसमें नंबर कार्बन पर OH के स्थान पर   होता है।

(It is also a sugar containing 5 carbons. It also forms a 5-membered hetero cyclic furanose ring. The only difference is that it has H at the number 2 carbon instead of OH.)

फॉर्मूला (Formula) - C5H10O

c. फॉस्फेट समुह (Phosphate Group):- यह फोस्फोरिक अम्ल ही होता है जो नुक्लिओटाइड को ऋण आवेश प्रदान करता है।

(It is only phosphoric acid that gives negative charge to the nucleotide.)

राइबोन्यूक्लिओटाइड्स (Ribonucleotides):- राइबोज शर्करा युक्त न्यूक्लिओटाइड को   राइबोन्यूक्लिओटाइड कहते हैं। यह RNA में पाया जाता है। ये 5 प्रकार के होते हैं - 

(Ribose sugars containing nucleotides are called ribonucleotides. It is found in RNA. There are 5 types -)

AMP, GMP, CMP, UMP, TMP

डिओक्सीराइबोन्यूक्लिओटाइड्स (Deoxyribonucleotides):- डिओक्सीराइबोज शर्करा युक्त न्यूक्लिओटाइड को डिओक्सीराइबोन्यूक्लिओटाइड कहते हैं। यह DNA में पाया जाता है। ये 5 प्रकार के होते हैं - 

(Nucleotides containing deoxyribose sugars are called deoxyribonucleotides. It is found in DNA. There are 5 types -)

dAMP, dGMP, dCMP, dUMP, dTMP

न्युक्लिओसाइड (Nucleoside):- न्यूक्लिओटाइड में से यदि फॉस्फेट समूह को हटा दिया जाये तो शेष बचा भाग न्युक्लिओसाइड कहलाता है।

(If the phosphate group is removed from the nucleotide, the remaining part is called nucleoside.)

नामकरण (Nomenclature):-


A, B and Z – DNA:- 

i. Helical Sense:- 

RH = Right Handed

LH = Left Handed

ii. Pitch:- प्रति टर्न क्षार युग्मों की संख्या को Pitch कहते है। 1 टर्न = 360° घुमाव

(The number of base pairs per turn is called Pitch. 1 turn = 360 ° rotation)

iii. Helix diameter:- हैलिक्स का व्यास

iv. Distance between base pairs:- क्षार युग्मों के मध्य दूरी

v. Twist in DNA:- एक क्षार युग्म का पड़ोसी क्षार युग्म के सापेक्ष घुमाव

(Rotation of one base pair with respect to a neighbouring base pair)

 vi. Inclination:- झुकाव

vii. Glycosidic bond configuration:- नाइट्रोजनी क्षार की शर्करा के सापेक्ष स्थिति

(The relative position of nitrogenous base with respect to sugars)


B – DNA की संरचना (Structure of B - DNA):-

·     DNA की द्वितीयक संरचना का मॉडल Watson व Crick ने दिया था।

(The model of secondary structure of DNA was given by Watson and Crick.)

·     DNA द्विकुंडलित संरचना के रूप में पाया जाता है जिसमें 2 पॉलीन्यूक्लिओटाइड श्रंखलाएं एक दूसरे पर लिपटी रहती हैं।

(DNA is found in the form of double-helical structure with 2 polynucleotide chains coiled around each other.)

·     प्रत्येक पॉलीन्यूक्लिओटाइड श्रंखला न्यूक्लिओटाइड्स का विषम बहुलक होती है।

(Each polynucleotide chain is a hetero polymer of nucleotides.)

·     दोनों पॉलीन्यूक्लिओटाइड श्रंखलाएं एक दूसरे के प्रति समानान्तर व्यवस्थित रहती हैं।

(Both polynucleotide chains are arranged anti-parallel to each other.)

·     दोनों पॉलीन्यूक्लिओटाइड श्रंखलाएं क्षार क्रम में एक दूसरे की संपूरक होती हैं।

(Both polynucleotide chains are complementary to each other in base sequence.)

·     कुंडलित श्रंखला की 1 पूर्ण टर्न 360° की होती है जिसमें 10 क्षार युग्म होते हैं।

(The 1 full turn of spiral chain has 360 ° with 10 base pairs.)

·     एक पूर्ण टर्न की लंबाई 34A° होती है।

(The length of a full turn is 34A °.)

·     किन्हीं 2 पड़ोसी क्षार युग्मों के बीच 3.4A° की दूरी होती है।

(There is a distance of 3.4A ° between any 2 neighbouring base pairs.)

·     प्रत्येक  क्षार युग्म पर श्रंखला 36° का टर्न लेती है।

(The chain takes a turn of 36 ° at each base pair.)

·     DNA की Backbone शर्करा - फॉस्फेट के द्वारा बनी श्रंखला होती है जिसमें नाइट्रोजनी क्षार Steps बनाते हैं।

(The backbone of DNA is a chain made up of sugars - phosphates in which nitrogenous bases form steps.)

·     DNA में 4 प्रकार के नाइट्रोजनी क्षार पाये जाते हैं -

(There are 4 types of nitrogenous bases found in DNA -)

i. A (Adenine)

ii. G (Guanine)

iii. C (Cytosine)

iv. T (Thymine)

·     A व T के मध्य 2 हाइड्रोजन बन्ध तथा G व C के मध्य 3 हाइड्रोजन बन्ध पाये जाते हैं।

(There are 2 hydrogen bonds between A and T and 3 hydrogen bonds between G and C.)

·     DNA में डिओक्सीराइबोज शर्करा पायी जाती है।

(Deoxyribose sugars are found in DNA.)

·     फॉस्फेट का एक अणु एक शर्करा के 3' कार्बन को दूसरी शर्करा के 5' कार्बन से जोड़ता है।

(A molecule of phosphate binds 3 'carbon of one sugar to 5' of carbon of another.)

·     किन्हीं 2 पड़ोसी शर्करा अणुओं के मध्य एक फोस्फोडाइएस्टर बन्ध पाया जाता है।

(A phosphodiester bond is found between any 2 neighbouring sugar molecules.)


RNA:- 3 प्रकार (3 types) -

i. mRNA (messenger RNA):- यह रेखीय संरचना है।

(It is a linear structure.)

ii. tRNA (transfer RNA):-

द्वितीयक संरचना (Secondary Structure):- क्लोवर की पर्ण के समान आकृति होती है।

(It has a shape similar to Clover leaf.)

त्रितीयक संरचना (Tertiary Structure):- उल्टे L – अक्षर के समान आकृति होती है।

(It has a shape similar to Inverse L letter.)