Proof for DNA as Genetic Material

UPDATED ON:- 01-01-2024

आनुवंशिक पदार्थ के रूप में DNA के लिए प्रमाण (Proof for DNA as Genetic Material):-

1. ग्रिफिथ का प्रयोग [Griffith’s experiment (Transforming principle)]:-

·    ग्रिफ़िथ ने चूहों और स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनी का उपयोग किया। स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनी के 2 प्रभेद होते हैं:-

(Griffith used mice & Streptococcus pneumoniae. Streptococcus pneumoniae has 2 strains:-)

-  चिकना (S) प्रभेद (रोगजनक): इसमें पॉलीसेकेराइड श्लेष्म आवरण होता है। यह निमोनिया का कारण बनता है।

[Smooth (S) strain (Virulent): Has polysaccharide mucus coat. Cause pneumonia.]

-  खुर्दरा (R) प्रभेद (गैर-रोगजनक): कोई श्लेष्मा आवरण नहीं होता है। निमोनिया का कारण नहीं बनता है।

[Rough (R) strain (Non-virulent): No mucous coat. Does not cause Pneumonia.]

·    प्रयोग (Experiment):-

-   S-प्रभेद → चूहों में इंजेक्ट करें → चूहे मर जाते हैं

[S-strain → Inject into mice → Mice die]

-   R-प्रभेद → चूहों में इंजेक्ट करें → चूहे जीवित रहते हैं

[R-strain → Inject into mice → Mice live]

-   S-प्रभेद (ऊष्मा से मृत) → चूहों में इंजेक्ट करें → चूहे जीवित रहते हैं

[S-strain (Heat killed) → Inject into mice → Mice live]

-   S-प्रभेद (ऊष्मा से मृत) + R-प्रभेद (जीवित) → चूहों में इंजेक्ट करें → चूहे मर जाते हैं

[S-strain (Heat killed) + R-strain (live) → Inject into mice → Mice die]

·    परिवर्तन सिद्धांत (Transforming principle):- ग्रिफिथ ने निष्कर्ष निकाला कि कोई पदार्थ, ऊष्मा से मृत S-प्रभेद से R-प्रभेद में स्थानांतरित हो गया। इस पदार्थ ने R-प्रभेद को चिकने पॉलीसेकेराइड आवरण को संश्लेषित करने और रोगजनक बनने में सक्षम बनाया। यह आनुवंशिक पदार्थ के स्थानांतरण के कारण होना चाहिए।

(He concluded that some, transferred from heat-killed S-strain to R-strain. It enabled R-strain to synthesize smooth polysaccharide coat and become virulent. This must be due to the transfer of genetic material.)

 2. परिवर्तन सिद्धांत का जैव रासायनिक विश्लेषण (Biochemical characterization of transforming principle):-

·    ओसवाल्ड एवरी, कॉलिन मैकलियोड और मैकलिन मैककार्टी ने ग्रिफ़िथ के प्रयोग में 'परिवर्तन सिद्धांत' की जैव रासायनिक प्रकृति को निर्धारित करने के लिए कार्य किया।

(Oswald Avery, Colin MacLeod & Maclyn McCarty worked to determine the biochemical nature of ‘transforming principle’ in Griffith’s experiment.)

·    इन्होंने उपयुक्त एंजाइमों का उपयोग करके ऊष्मा से मृत S कोशिकाओं से जैव रासायनों (प्रोटीन, DNA, RNA आदि) को पृथक किया।

(They purified biochemicals (proteins, DNA, RNA etc.) from heat killed S cells using suitable enzymes.)

·    उन्हें पता चला कि (They discovered that):-

-   प्रोटीन और RNA के पाचन (प्रोटीएज और RNase का उपयोग करके) ने परिवर्तन को प्रभावित नहीं किया। इसलिए परिवर्तनकारी पदार्थ प्रोटीन या RNA नहीं था।

[Digestion of protein and RNA (using Proteases and RNases) did not affect transformation. So the transforming substance was not a protein or RNA.]

-   DNase के साथ DNA का पाचन परिवर्तन को रोकता है। इसका मतलब है कि DNA ही R कोशिकाओं के S कोशिकाओं में परिवर्तन का कारण बना, अर्थात DNA परिवर्तनकारी पदार्थ था।

[Digestion of DNA with DNase inhibited transformation. It means that DNA caused transformation of R cells to S cells, i.e. DNA was the transforming substance.]

3. हर्षे-चेस प्रयोग (ब्लेंडर प्रयोग) [Hershey-Chase Experiment (Blender Experiment)]:-

·    हर्शे व चेज ने जीवाणुभोजी के 2 संवर्धन तैयार किए - एक में, रेडियोएक्टिव सल्फर (S-35) युक्त माध्यम में प्रोटीन को S-35 के साथ लेबल किया गया था। दूसरे में रेडियोएक्टिव फॉस्फोरस (P-32) युक्त माध्यम में DNA को P32 के साथ लेबल किया गया था।

[Hershey & Chase made 2 preparations of bacteriophage - In one, proteins were labeled with S35 by putting in medium containing radioactive sulphur (S-35). In the second, DNA was labeled with P32 by putting in a medium containing radioactive Phosphorous (P-32).]

·    E. coli को संक्रमित करने के लिए इन संवर्धनों का अलग से उपयोग किया गया था।

(These preparations were used separately to infect E. coli.)

·    संक्रमण के बाद, जीवाणु से फाज कणों को अलग करने के लिए E. coli कोशिकाओं को एक ब्लेंडर में धीरे से हिलाया गया।

(After infection, the E. coli cells were gently agitated in a blender to separate the phage particles from the bacteria.)

·    तब संवर्धन को सेंट्रीफ्यूज किया गया था। भारी जीवाणु कोशिकाएं नीचे की ओर एक गोली के रूप में बनती हैं। जीवाणु कोशिकाओं के बाहर हल्के वायरल घटक सतह पर तैरते रहे।

Then the culture was centrifuged. Heavier bacterial cells are formed as a pellet at the bottom. Lighter viral components outside the bacterial cells remained in the supernatant.

·    इन्होने पाया कि (They found that):-

-   सतह पर तैरने वाला वायरल प्रोटीन होता है जिसे S-35 के साथ लेबल किया जाता है, अर्थात वायरल प्रोटीन ने जीवाणु कोशिकाओं में प्रवेश नहीं किया था।

(Supernatant contains viral protein labeled with S-35, i.e. the viral protein had not entered the bacterial cells.)

-   जीवाणु गोली में रेडियोएक्टिव P होता है। इससे पता चलता है कि P-32 के साथ लेबल किया गया वायरल DNA जीवाणु कोशिकाओं में प्रवेश कर गया था। इससे सिद्ध होता है कि DNA आनुवंशिक पदार्थ है।

The bacterial pellet contains radioactive P. This shows that viral DNA labeled with P32 had entered the bacterial cells. This proves that DNA is the genetic material.