The Passive voice

The Passive voice (निष्क्रिय वाच्य):- The passive voice is a grammatical construction where the subject of a sentence receives the action rather than performing it. In contrast, in the active voice, the subject performs the action. Passive constructions are commonly used when the focus is on the action itself or the recipient of the action, rather than on who or what performs it.
(एक व्याकरणिक संरचना है जिसमें वाक्य का कर्ता क्रिया को करता नहीं बल्कि उस पर क्रिया होती है। इसके विपरीत, सकर्मक वाच्य में वाक्य का कर्ता क्रिया को स्वयं करता है। निष्क्रिय वाच्य का प्रयोग तब होता है जब ध्यान क्रिया पर या क्रिया के प्राप्तकर्ता पर हो, न कि उसे करने वाले पर।)
i. Structure of Passive Voice (निष्क्रिय वाच्य की संरचना):- The basic structure of the passive voice in English follows this pattern:
(अंग्रेजी में निष्क्रिय वाच्य की बुनियादी संरचना निम्नलिखित होती है:)
Subject + Auxiliary Verb (to be) + Past Participle of Main Verb (+ by Agent)
[कर्ता + सहायक क्रिया (to be) + मुख्य क्रिया का भूतकालीन रूप (+ द्वारा कर्ता)]
Subject (कर्ता):- The entity receiving the action.
(वह व्यक्ति या वस्तु जिस पर क्रिया हो रही है।)
Auxiliary Verb (सहायक क्रिया):- Usually a form of "to be" (am, is, are, was, were, been, being).
[आमतौर पर "to be" का कोई रूप (am, is, are, was, were, been, being)]
Past Participle (भूतकालीन रूप):- The main verb in its past participle form.
(मुख्य क्रिया का भूतकालीन रूप।)
By Agent (द्वारा कर्ता):- Optional part that shows who performed the action (often omitted if the agent is unknown or unimportant).
[वैकल्पिक हिस्सा, जो क्रिया को करने वाले को दर्शाता है (अगर कर्ता अज्ञात या महत्वहीन हो तो इसे छोड़ा जा सकता है)।]
Examples (उदाहरण):-
Active (सकर्मक वाक्य):- The chef cooks the meal.
Passive (निष्क्रिय वाक्य):- The meal is cooked (by the chef).

ii. When to Use the Passive Voice (निष्क्रिय वाच्य का प्रयोग कब करें):- Passive voice is often used in the following cases:
(निष्क्रिय वाच्य का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में किया जाता है:)
> When the doer of the action is unknown, unimportant, or implied:
(जब क्रिया का कर्ता अज्ञात, महत्वहीन या अनिर्दिष्ट हो:)
"The window was broken." (It’s not specified who broke it.)
(यह नहीं बताया गया कि किसने तोड़ा।)
> When the focus is on the action or the recipient rather than the doer:
(जब ध्यान क्रिया पर या प्राप्तकर्ता पर हो, न कि कर्ता पर:)
"The book was published last year." (The focus is on the book, not the publisher.)
(यहाँ ध्यान किताब पर है, प्रकाशक पर नहीं।)
> To create an impersonal tone:
(निर्वैयक्तिक स्वर उत्पन्न करने के लिए:)
Frequently used in formal or scientific writing, like "The data was analyzed."
(अक्सर औपचारिक या वैज्ञानिक लेखन में प्रयोग किया जाता है, जैसे "The data was analyzed.")

iii. Passive Voice in Different Tenses (विभिन्न कालों में निष्क्रिय वाच्य):- The form of the auxiliary verb changes to reflect different tenses. Here are a few examples:
(सहायक क्रिया का रूप विभिन्न कालों को दर्शाने के लिए बदलता रहता है। कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:)

iv. Omitting the Agent (कर्त्ता को हटाना):- In many passive sentences, the "by" phrase (indicating the agent) is omitted because it’s not necessary to know who performed the action. This is especially true in cases where the agent is unknown, unimportant, or obvious from context.
[कई निष्क्रिय वाक्यों में "by" वाक्यांश (कर्त्ता को दर्शाने वाला) हटाया जा सकता है, क्योंकि यह जानना जरूरी नहीं होता कि क्रिया को किसने किया। यह विशेष रूप से तब होता है जब कर्ता अज्ञात, महत्वहीन या स्पष्ट होता है।]
With agent (कर्त्ता के साथ):- "The car was repaired by the mechanic."
Without agent (कर्त्ता के बिना):- "The car was repaired."

v. Transforming Active to Passive (सकर्मक से निष्क्रिय में बदलना):- To convert an active sentence to passive:
(सकर्मक वाक्य को निष्क्रिय वाच्य में बदलने के लिए:)
> Identify the object in the active sentence (this becomes the subject in passive).
[सकर्मक वाक्य में कर्म का पता लगाएं (यह निष्क्रिय वाक्य में कर्त्ता बनता है)।]
> Change the verb to the appropriate form of "to be" + past participle of the main verb.
(सहायक क्रिया का उचित रूप + मुख्य क्रिया का भूतकालीन रूप का उपयोग करें।)
> Add "by" + subject from the active sentence if necessary.
(कर्त्ता को 'by' के साथ जोड़ें (यदि आवश्यक हो)।)
Example (उदाहरण):-
Active (सकर्मक वाक्य):- "The teacher explains the lesson."
Passive (निष्क्रिय वाक्य):- "The lesson is explained by the teacher."

vi. Examples of Passive Voice Usage (निष्क्रिय वाच्य के प्रयोग के उदाहरण):-
Scientific Writing (वैज्ञानिक लेखन):- "The experiment was conducted to test the hypothesis."
Formal Writing (औपचारिक लेखन):- "The policy was approved by the board."
Instructions (निर्देश):- "The machine should be operated with care."

vii. Advantages and Disadvantages (लाभ और हानि):-
Advantages (लाभ):-
- Emphasizes the action or result rather than the doer.
(कर्त्ता के बजाय क्रिया या परिणाम पर ध्यान केंद्रित करता है।)
- Useful for maintaining objectivity, especially in scientific writing.
(वैज्ञानिक लेखन में वस्तुनिष्ठता बनाए रखने के लिए सहायक है।)
Disadvantages (हानि):-
- Can lead to vague or awkward sentences.
(अस्पष्ट या अजीब वाक्य उत्पन्न कर सकता है।)
- Often wordier than active voice, making sentences longer and potentially more difficult to read.
(सकर्मक वाच्य की तुलना में अधिक शब्दों का उपयोग करता है, जिससे वाक्य लंबे और समझने में कठिन हो सकते हैं।)

viii. Practice Exercises (अभ्यास):- 
> Change these active sentences into passive voice:
(इन सकर्मक वाक्यों को निष्क्रिय वाच्य में बदलें:)
"The team won the game."
"They will deliver the package tomorrow."
> Identify whether the following sentences are in active or passive voice, then rewrite them in the opposite voice:
(यह पहचानें कि निम्नलिखित वाक्य सकर्मक हैं या निष्क्रिय, फिर उन्हें विपरीत वाच्य में लिखें:)
"A new park is being built downtown."
"She wrote the article last night."

Conclusion (निष्कर्ष):- Understanding passive voice is essential for both formal and informal writing. It allows flexibility in focusing on different elements of a sentence and is particularly valuable for TOEFL and other language exams where comprehension and varied sentence structures are tested.
(निष्क्रिय वाच्य का ज्ञान औपचारिक और अनौपचारिक लेखन दोनों में सहायक है। यह एक वाक्य के विभिन्न तत्वों पर ध्यान केंद्रित करने में लचीलापन प्रदान करता है और TOEFL और अन्य भाषा परीक्षाओं के लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जहाँ वाक्य संरचना की विविधता और समझ का परीक्षण किया जाता है।)