Numerical Changes in Chromosome
बहुगुणिता (Polyploidy):-
किसी जीव में सामान्य गुणसूत्र संख्या का विचलित हो जाना ही बहुगुणिता कहलाती है। यह 2 प्रकार की होती है –
(Deviation from the normal chromosome numbers in an organism is called polyploidy. It is of 2 types -)
1. असत्यगुणिता (Aneuploidy)
2. सत्यगुणिता (Euploidy)
1. असत्यगुणिता (Aneuploidy):-
• परिभाषा(Definition):- सामान्यतया जीव की प्रत्येक कायिक कोशिका के जीनोम में गुणसूत्रों की संख्या निश्चित होती है। यदि जीनोम में 1 या 2 गुणसूत्रों की संख्या में कमी या वृद्धि हो जाये तो इसे असत्यगुणिता कहते हैं। यह अधिकतर जंतुओं में ही पायी जाती है। पादपों में बहुत कम देखने को मिलती है।
(Generally, the number of chromosomes in the genome of each somatic cell of an organism is fixed. If there is a decrease or increase in the number of 1 or 2 chromosomes in the genome, it is called as aneuploidy. It is found mostly in animals. It is rarely seen in plants.)
• यह 2 प्रकार की होती है (It is of 2 types):-
a. अधोगुणिता (Hypoploidy):-
i. Nullysomy = (2n – 2):-
- Mutant of Ear in wheat: Dwarf, Female fertile, Male sterile, awn less (तूड़ रहित)
ii. Monosomy = (2n – 1):-
- Turner Syndrome (44+X0)
iii. Double monosomy = (2n – 1 – 1)
b. अधिगुणिता (Hyperploidy):-
i. Trisomy = (2n + 1):-
- Klinefelter Syndrome (44+XXY )
- Jacob Syndrome (44+XYY)
- Patau Syndrome (47, 13 double)
- Edward Syndrome (47, 18 double)
- Down Syndrome (47, 21 double)
ii. Double trisomy = (2n + 1 + 1)
iii. Tetrasomy = (2n + 2)
• आयु व असत्यगुणिता में सम्बंध (Relation between Age and Aneuploidy):- 40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाएं असत्यगुणित अंडे उत्पन्न करती हैं।
(Females over the age of 40 produce aneuploid eggs.)
• कारण (Causes):- अर्धसूत्री नॉन-डिसजंक्शन के कारण असत्यगुणिता उत्पन्न होती है।
(The meiotic non-disjunction results in the aneuploidy.)
a. 1st Division Non-disjunction:- यह अधिक घातक होता है।
(It is more fatal.)
b. 2nd Division Non-disjunction:- यह कम घातक होता है।
(It is less fatal.)
2. सत्यगुणिता (Euploidy):-
• परिभाषा (Definition):- सामान्यतया जीव की प्रत्येक कायिक कोशिका में जीनोम की 2 प्रतियाँ उपस्थित होती हैं। जब जीव की कायिक कोशिकाओं में जीनोम की 2 से अधिक प्रतियाँ पायी जाती हैं तो इसे सत्यगुणिता कहते हैं। यह केवल पौधों में पायी जाती है। जंतुओं में इसका पूर्णत: अभाव होता है।
(Normally, each somatic cell of organism has 2 copies of the genome. When more than 2 copies of the genome are found in the somatic cells of organism, it is called euploidy. It is found only in plants. It is completely absent in animals.)
• 2 प्रकार हैं (2 types):-
i. स्वबहुगुणिता (Autopolyploidy)
ii. परबहुगुणिता (Allopolyploidy)
i. स्वबहुगुणिता (Autopolyploidy):-
• परिभाषा (Definition):-
जब जीव की सभी कायिक कोशिकाओं में उपस्थित जीनोम की प्रतियाँ एक ही जाति की होती हैं तो इसे स्वबहुगुणिता कहते हैं।
(When copies of the genome present in all the somatic cells of an organism belong to the same species, it is called autopolyploidy.)
• उदाहरण (Examples):-
त्रिगुणित (Triploid) = 3x
चतुर्गुणित (Tetraploid) = 4x
पंचगुणित (Pentaploid) = 5x
षटगुणित (Hexaploid) = 6x
ii. परबहुगुणिता (Allopolyploidy):-
• परिभाषा (Definition):-
जब जीव की सभी कायिक कोशिकाओं में उपस्थित जीनोम की प्रतियाँ एक से अधिक जातियों से आती हैं तो इसे परबहुगुणिता कहते हैं।
(When copies of the genome present in all somatic cells of an organism come from more than one species, it is called allopolyploidy.)
• उदाहरण (Examples):-
चतुर्गुणित (Tetraploid) = 2x1 + 2x2
षटगुणित (Hexaploid) = 2x1 + 2x2 + 2X3
स्वबहुगुणिता उत्पन्न होने के कारण (Reasons of producing autopolyploidy):-
• अनियमित अर्धसूत्री विभाजन के कारण 2n युग्मक उत्पन्न होते हैं।
(2n gametes are produced due to abnormal meiosis.)
• कोल्चिसीन रसायन के उपयोग से गुणसूत्रों का कृत्रिम रूप से द्विगुणन कर सकते हैं। यह रसायन कोशिका विभाजन के दौरान तर्कु तंतुओं के निर्माण को रोक देता है।
(Artificial duplication of chromosomes can be achieved using colchicine chemical. This chemical prevents the formation of spindle fibers during cell division.)
• कृत्रिम रूप से स्वबहुगुणिता उत्पन्न करने के लिए बीज या पादपक या प्ररोह शिखाग्र को 1% ताजा कोल्चीसीन विलयन में 1 से 10 दिनों के लिए भिगोकर रखते हैं।
(To produce autopolyploidy artificially, soak the seed or plantlet or shoot apex in 1% fresh colchicine solution for 1 to 10 days.)
बहुगुणिता का प्रभाव (Effects of Polyploidy):-
i. महाकायता (Gigantism):- पौधे के आकार व ओज में वृद्धि हो जाती है।
(The size and vigour of the plant increases.)
ii. पत्तियों, पुष्पों, फलों, बीजों आदि के आकार में वृद्धि और संख्या में कमी हो जाती है।
(The size of leaves, flowers, fruits, seeds etc. increases and their number decreases.)
iii. बड़े रंध्र व कोशिकाएं (Larger stomata and cells)
iv. बड़े परागकण (Larger pollens)
v. कम उर्वरता (Low fertility)
vi. कम वृद्धि दर (Low growth rate)
vii. देरी से पुष्पन (late flowering)
viii. जल की मात्रा बढ़ने से उच्च ताजा भार व शुष्क भार कम
(Higher fresh weight and lower dry mass due to increase in water content)
ix. उपयुक्त गुणिता स्तर एक जाति से दूसरी जाति में बदलता रहता है।
(The suitable ploidy level varies from one species to another.)
उदाहरण (Examples):-
चुकंदर (Sugar beet) = 3x
टीमोथी घास (Timothy grass) = 8x – 10x
पादप प्रजनन में उपयोग (Applications in Plant Breeding):-
• स्वत्रिगुणित पौधे (Autotriploid Plants):-
i. केला (Banana):- इसके फल बीज रहित होते हैं।
(Its fruits are seedless.)
ii. तरबूज (Water melon):- यह जापान में होता है। इसके फल भी बीज रहित होते हैं।
(It is found in Japan. Its fruits are also seedless.)
iii. चुकंदर (Sugar beet):- यह जापान व यूरोप में होती है। इसकी जड़े बड़ी होती हैं जो अधिक शर्करा उत्पादन करती हैं।
(It is found in Japan and Europe. Its roots are bigger which produces more sugar.)
iv. चाय (Tea):- इसकी TV – 29 किस्म सूखा रोधी व अधिक उपज देने वाली होती है।
(Its TV-29 variety is drought resistant and high yielding.)
• स्वचतुर्गुणित पौधे (Autotetraploid Plants):-
i. मक्का (Maize):- इसमें 43% अधिक विटामिन होता है।
(It contains 43% more vitamins.)
ii. क्लोवर व बरसीम (Clover and Barseem):- इनकी चारा उपज अधिक होती है। Pusa Giant Barseem भारत में एक प्रसिद्ध किस्म है।
(Their fodder yield is high. Pusa Giant Barseem is a famous variety in India.)
iii. राई (Rye):- इसकी दो किस्मों Double steel व Tetrapetkus की उपज अधिक होती है।
(Its two varieties Double steel and Tetrapetkus have high yield.)
iv. Hyoscymus niger:- इसकी HMT – 1 किस्म का 15% जैवभार अधिक होता है और इससे 36% अधिक औषधि प्राप्त होती है।
(Its HMT-1 variety has 15% more biomass and provides 36% more medicine.)
v. Vetiveria zizanoides:- इसकी vetiver किस्म से 11% अधिक सुगंधित तेल प्राप्त होता है।
(Its vetiver variety yields 11% more fragrant oil.)
• परचतुर्गुणित पौधे (Allotetraploid Plants):-
i. कपास (Cotton):- Gossypium hirsutum
ii. सरसों (Mustard):-
Ø Brassica juncea (AABB)
Ø Brassica napus (AACC)
Ø Brassica carinata (BBCC)
• परषटगुणित पौधे (Allohexaploid Plants):-
i. गेहूँ (Wheat):- Triticum aestivum (AABBDD)