Photosynthetic pigments (Chlorophylls, caratenoids and phycobilins)- structure and function
Photosynthetic Pigments (प्रकाशसंश्लेषी वर्णक):- A photosynthetic pigment is a pigment that is present in chloroplasts or photosynthetic bacteria which captures the light energy necessary for photosynthesis.
(एक प्रकाश संश्लेषी वर्णक ऐसा वर्णक है जो हरितलवक या प्रकाश संश्लेषी जीवाणुओं में पाया जाता है जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक प्रकाश ऊर्जा को ग्रहण करता है।)
Chromatography shows the following leaf pigments:-
(क्रोमैटोग्राफी निम्नलिखित पर्णीय वर्णक दिखाती है: -)
1. Chlorophyll (पर्णहरित)
2. Carotenoids (कैरोटीनोइड्स)
3. Phycobilins (फाइकोबिलिन्स)
1. Chlorophyll (पर्णहरित):- 5 types - (5 प्रकार -)
a. Chl - a:- Universal pigment, bright or blue green, Formula = C55H72O5N4Mg
(सर्वव्यापी वर्णक, चमकीला या नीला हरा, फॉर्मूला = C55H72O5N4Mg)
Chlorophyll - a is the primary pigment which acts as a reaction centre and all other pigments act as accessory pigments and trap solar energy and then transfer it to chlorophyll 'a'.
(Chl - a प्राथमिक वर्णक है जो अभिक्रिया केंद्र के रूप में कार्य करता है और अन्य सभी वर्णक सहायक वर्णक के रूप में कार्य करते हैं और सौर ऊर्जा को ग्रहण करते हैं और फिर इसे पर्णहरित 'a' में स्थानांतरित करते हैं।)
b. Chl - b:- Flond in all higher plants, yellow green, Formula = C55H70O6N4Mg
(सभी उच्च पौधों में पाया जाता है, पीला हरा, फॉर्मूला = C55H70O6N4Mg)
c. Chl - c:- Found only in algae, Formula = C35H30O5N4Mg
(केवल शैवालों में पाया जाता है, फॉर्मूला = C35H30O5N4Mg)
d. Chl - d:- Found only in algae, Formula = C54H70O6N4Mg
(केवल शैवालों में पाया जाता है। फॉर्मूला = C54H70O6N4Mg)
e. Chl - e:- Found only in algae
(केवल शैवालों में पाया जाता है।)
Structure of Chlorophylls (पर्णहरित की संरचना):- Chlorophyll molecules have a tadpole like structure. It consists of Mg- Porphyrin head (Hydrophilic Head) and (Lipophilic tail) Phytol tail.
(पर्णहरित अणुओं की संरचना टैडपोल जैसी होती है। इसमें Mg- पोरफाइरिन हैड (जलरागी हैड) और फाइटोल टेल (वसारागी टेल) शामिल हैं।)
i. Porphyrin head (पोरफाइरिन हैड):- It consists of 4 pyrrol rings linked together by C-H bridges. Each pyrrole ring comprises of 4 carbons and 1 nitrogen atom. Porphyrin ring has several side groups which alter the properties of the pigment. Different side groups are indicative of various types of chlorophyll.
(इसमें C-H बंधों द्वारा एक साथ जुड़े 4 पायरोल वलय होते हैं। प्रत्येक पायरोल वलय में 4 कार्बन और 1 नाइट्रोजन परमाणु होते हैं। पोरफाइरिन वलय में कई पार्श्व समूह होते हैं जो वर्णक के गुणों को बदल देते हैं। विभिन्न पार्श्व समूह विभिन्न प्रकार के क्लोरोफिल के संकेतक होते हैं।)
ii. Phytol tail (फाइटोल टेल):- The Phytol tail made up of 20 carbon alcohol is attached to carbon 17 of the Pyrrole ring IV. It has a long propionic acid ester bond. Long lipophilic tail helps in anchoring chlorophyll to the lamellae.
(20 कार्बन एल्कोहल से बनी फाइटोल टेल पायरोल रिंग IV के कार्बन 17 से जुड़ी होती है। इसमें एक लंबा प्रोपियोनिक एसिड एस्टर बंध होता है। लंबी वसारागी टेल पर्णहरित को लैमिली की ओर रखने में सहायता करती है।)
Comparision of Structure (संरचना की तुलना):-
i. Chlorophyll 'a' have CH3 (R3) group at the 7th C atom in II Pyrrol ring.
(Chl 'a' में II पायरोल वलय में 7वें C परमाणु पर CH3 (R3) समूह होता है।)
ii. Chlorophyll 'b' have CHO (R3)group at the 7th C atom in II Pyrrol ring.
(Chl 'b' में II पायरोल वलय में 7वें C परमाणु पर CHO (R3) समूह होता है।)
iii. Chlorophyll 'c' differs from Chlorophyll 'a' by lacking phytol tail.
(Chl 'c' फाइटोल टेल की अनुपस्थिति के कारण Chl 'a' से भिन्न होता है।)
iv. Chlorophyll 'd' differs from Chlorophyll 'a' in having CHO (R2) group instead of CH=CH2 (R2) group at 3rd Carbon in the 1st Pyrrol ring.
(Chl 'd' में I पायरोल रिंग में तीसरे कार्बन पर CH=CH2 (R2) समूह के बजाय CHO (R2) समूह होता है। इसलिए यह Chl 'a' से भिन्न होता है।)
v. Pheophytin (फिओफाइटिन):- It is a form of chlorophyll- a. It lacks Mg atom. Instead it has two H atoms.
(यह Chl 'a' का एक रूप है। इसमें Mg परमाणु का अभाव होता है। इसके बजाय इसमें दो H परमाणु होते हैं।)
2. Carotenoids (कैरोटीनोइड्स):-
> Carotenoids are yellow to orange pigments, mostly tetraterpens and these pigments absorb light strongly in the blue to violet region of visible spectrum.
(कैरोटीनोइड्स पीले से नारंगी रंग के ज्यादातर टेट्राटर्पीन होते हैं और ये वर्णक दृश्य स्पेक्ट्रम के नीले से बैंगनी क्षेत्र में प्रकाश को सर्वाधिक अवशोषित करते हैं।)
> These pigments protect chlorophyll from photo-oxidative damage. Hence, they are called as shield pigments.
(ये वर्णक पर्णहरित को प्रकाश-ऑक्सीकारी क्षति से बचाते हैं। इसलिए, इन्हें कवच वर्णक कहा जाता है।)
> These pigments absorb light and transfer these to chlorophyll.
(ये वर्णक प्रकाश को अवशोषित करते हैं और इन्हें पर्णहरित को स्थानांतरित करते हैं।)
> Almost all carotenoid pigments have 40 carbon atoms.
(लगभग सभी कैरोटीनोइड्स वर्णकों में 40 कार्बन परमाणु होते हैं।)
> Ripening of fruits, floral colours and leaf colour change during autumn is due to Carotenoids.
(पतझड़ ऋतु के दौरान फलों का पकना, पुष्पों का रंग और पत्ती का रंग परिवर्तन कैरोटेनोइड्स के कारण होता है।)
> 2 types (2 प्रकार):-
i. Carotenes (कैरोटीन):- C40H56
- Orange, Red, Yellow and Brownish pigments, hydrocarbons (Lipids) and most of them are tetraterpenes.
(नारंगी, लाल, पीले और भूरे रंग के वर्णक हैं, हाइड्रोकार्बन (वसा) होते हैं और उनमें से अधिकांश टेट्राटर्पीन होते हैं।)
- They are of many types - α, β, γ, ð, ε, ζ and lycopene.
(ये कई प्रकार के होते हैं - α, β, γ, ð, ε, ζ व लाइकोपीन।)
- β - carotene is the most abundant carotene in plants and it is a precursor of Vitamin A.
(β - कैरोटीन पौधों में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला कैरोटीन है और यह विटामिन A का पूर्वगामी होता है।)
- Lycopene is the red pigment found in the fruits of tomato, red peppers and roses.
(लाइकोपीन टमाटर व लाल मिर्च के फलों और गुलाब में पाया जाने वाला लाल वर्णक है।)
ii. Xanthophylls (जैंथोफिल्स):- C40H56O2
- Yellow pigments are like carotenes but contain oxygen.
(पीले रंग के वर्णक जो कैरोटीन की तरह होते हैं परन्तु इनमें ऑक्सीजन भी होती है।)
- Examples (उदाहरण):- Lutein, Violaxanthin and Fucoxanthin.
(ल्यूटिन, वायोलाक्सैन्थिन और फ्यूकोक्सैन्थिन।)
- Lutein is responsible for yellow colour change of leaves during autumn season.
(पतझड़ ऋतु के मौसम में पत्तियों के हरे रंग के पीले रंग में परिवर्तन के लिए ल्यूटिन जिम्मेदार होता है।)
3. Phycobilins (फाइकोबिलिन्स):-
- Phycobilins have open tetra pyrrols and they have neither Mg nor phytol chain.
(फाइकोबिलिन्स में खुले टेट्रा पायरोल वलय होते हैं और इनमें न तो Mg और न ही फाइटोल टेल होती है।)
- They are proteinaceous pigments, soluble in water, and do not contain Mg and Phytol tail.
(ये प्रोटीनयुक्त वर्णक होते हैं, जो जल में घुलनशील होते हैं।)
- They exist in two forms (ये दो रूपों में पाये जाते हैं):-
i. Phycocyanin (फाइकोसायनिन):- It is blue in colour and found in cyanobacteria (Blue green algae).
[यह नीले रंग का होता है और सायनोबैक्टीरिया (नील हरित शैवालों) में पाया जाता है।]
ii. Phycoerythrin (फाइकोइरिथ्रिन):- It is red in colour and found in rhodophycean algae (Red algae).
[यह लाल रंग का होता है और रोडोफायसियन शैवाल (लाल शैवाल) में पाया जाता है।]